'केन्द्र जबतक तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं लेता, प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमाओं से नहीं हिलेंगे'
By भाषा | Published: September 22, 2021 09:18 PM2021-09-22T21:18:29+5:302021-09-22T21:18:29+5:30
कुरुक्षेत्र (हरियाणा), 22सितंबर हरियाणा भारतीय किसान यूनियन(चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने बुधवार को कहा कि जबतक केन्द्र तीन नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेता तबतक दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान वहां से नहीं हिलेंगे।
चढूनी ने कहा कि सरकार चाहे जितना दबाव डाले लेकिन किसान कानून रद्द होने तक हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर से एक इंच भी नहीं हिलेंगे।
कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद में ‘किसान महापंचायत’ को संबोधित करते हुए चढूनी ने सरकार से कहा, ‘‘सीमाएं खोलने का सपना देखना बंद कीजिए।’’
किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के रद्द हुए बिना दिल्ली के रास्ते नहीं खुलेंगे।
हरियाणा सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कुंडली-सिंघू बॉर्डर पर राष्ट्रीय राजमार्ग -44 पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए आंदोलनरत किसान यूनियन के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था। लेकिन किसान यूनियन के नेता पिछले सप्ताह सोनीपत में जिला प्रशासन द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
किसान नेताओं के बैठक में शामिल नहीं होने पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने चंडीगढ़ में कहा कि उच्चतम न्यायालय को इसकी जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।
इसबीच महापंचायत में निर्णय लिया गया कि जबतक कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते तबतक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।पंजाब हरियाणा और अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में किसान कम से कम दस माह से आंदोलन कर रहे हैं।
महापंचायत को संबोधित करते हुए चढूनी ने कहा कि प्रदर्शनों के दौरान बड़ी संख्या में किसानों के खिलाफ हरियाणा में मामले दर्ज किए गए और पुलिस किसानों को तलब कर रही है। उन्होंने किसानों से समन को स्वीकार नहीं करने और पुलिस थानों में भी नहीं जाने की अपील की।
इस ‘‘महापंचायत’’ में 27 सितंबर को किसान यूनियनों के ‘‘भारत बंद’’ को सफल बनाने की भी अपील की गई।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।