पटनाः कृषि बिल के खिलाफ पटना की सड़कों पर उतरे पप्पू यादव की पार्टी जाप के कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा. राजधानी पटना में जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने ट्रैक्टर चलाकर संसद में पारित कृषि बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया.
पूर्व सांसद पप्पू यादव के समर्थकों ने डाक बंगला चौराहा पर पहुंचकर कृषि बिल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों ने भी हिस्सा लिया. सभी किसान बिल के विरोध में नारेबाजी करते नजर आये. पप्पू यादव ने संसद से पास हुए कृषि से जुडे़ तीनों कानूनों को किसान विरोधी बताया.
पप्पू यादव ट्रैक्टर पर बैठ वे इनकम टैक्स गोलम्बर से डांकबंगला चौराहा तक गए और अपना विरोध जताया. बंद के समर्थन में हजारों समर्थक और आम जनता सड़क पर आई और इस कानूनों को वापस लेने की मांग की. जाप कार्यकर्ता किसान बिल का विरोध करने सड़क पर उतरे थे, लेकिन देखते व लोग नारेबाजी करते हुए भाजपा दफ्तर में घुसने लगे.
करीब 1 दर्जन से अधिक का कार्यकर्ता भाजपा दफ्तर पहुंच गए और मुख्य द्वार के गेट पर चढकर हंगामा मचाने लगे. इस दौरान भाजपा दफ्तर में बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव शास्त्री मंगल पांडे समेत कई नेता मौजूद थे. भाजपा कार्यकर्ताओं जैसे ही देखा कि जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय के मुख्य दरवाजे पर आकर नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं.
इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने आपा खो दिया और हमला बोल दिया. लाठी-डंडे लेकर निकले भाजपा कार्यकर्ताओं ने पप्पू यादव की पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की जमकर धुनाई कर दी. वहीं, बंद को संबोधित करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि इस कानून ने देश की आत्मा पर चोट की है. ये अन्नदाता को कमजोर करने वाला कानून है. देश की आधी आबादी कृषि और कृषि आधारित रोजगारों पर आश्रित है और इस कानून से ये पूरी आधी आबादी प्रभावित होगी.
किसानों की जमीन को छीन पूंजीपतियों को देने की तैयारी यह सरकार कर रही है. कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को यह किसान विरोधी कानून वापस लेना होगा. जब तक ऐसा नहीं होता है तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा और हम किसानों की आवाज को उठाते रहेंगे.
केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि, वर्तमान की सरकार गूंगी और बहरी है जिसने सिर्फ गरीबों और किसानों के खिलाफ फैसले लिए है. देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है और केंद्र सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था से लेकर रोजगार तक पूरी तरह से विफल रही है. देश में बेरोजगार दर बढती जा रही है और युवा आत्महत्या करने को मजबूर हैं.