रूसी सेंटर फॉर साइंस एंड कल्चर में आयोजित एक कार्यक्रम में जेएनयू की प्रोफेसर मीता नारायण को पुश्किन मेडल से सम्मानित किया गया। यह रूसी भाषा और साहित्य के स्कॉलर को दिया जाने वाला सर्वोच्च इंटरनेशनल अवार्ड है।
1977 से अब तक केवल कुछ ही भारतीय स्कॉलर और नामी हस्तियों को यह मेडल दिया गया है। इस मेडल को फेमस रसियन लेखक और कवि एलेक्जेंडर एस. पुश्किन के नाम पर दिया जाता है।
यूएसएसआर में कम्यूनिज्म हटने के बाद ग्रेजुएक स्टूडेंट के लिए किताबों में वामपंथ हमेशा रहा। प्रोफेसर मीता नारायण ने इन किताबों को कंटेम्पोरेरी फ्लेवर के साथ दोबारा लिखने के लिए कड़ी मेहनत की। अब यही किताबें भारत में रसियन भाषा विभाग में उपयोग में लाई जा रही हैं।
प्रोफेसर मीता को उनके इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए विदेश की कई यूनिवर्सिटी में उन्हें लेक्चर देने के लिए बुलाया जाता है। उनके पास कई नेशनल और इंटरनेशनल रिसर्च पेपर हैं जिसका उन्हें क्रेडिट दिया जाता है।
प्रोफेसर मीता विदेशों में प्रकाशित होने वाली कई एकेडमिक जर्नल्स की एडिटोरियल बोर्ड में शामिल हैं। प्रोफेसर नारायण दिल्ली के बाराखंभा रोड स्थित एक प्रतिष्ठित मॉडर्न स्कूल की पूर्व छात्र रही हैं।