कैंसर के इलाज में दिक्कत आने से मरीजों की परेशानी बढ़ी : अस्पताल
By भाषा | Published: July 10, 2021 12:22 AM2021-07-10T00:22:04+5:302021-07-10T00:22:04+5:30
नयी दिल्ली, नौ जुलाई राष्ट्रीय राजधानी के एक निजी अस्पताल ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान कैंसर मरीजों के इलाज के बाद उनका ‘फॉलोअप’ नहीं होने के कारण शरीर के अन्य हिस्से से शुरू हुआ कैंसर अब उनके मस्तिष्क तक फैल गया है।
अस्पताल ने कहा कि पिछले छह महीने में अस्पताल में ऐसे तीन मामले सामने आए हैं जबकि एक मरीज की बीमारी से मौत हुई है। वहीं उससे पहले के छह महीनों में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया था।
मूलचंद अस्पताल द्वारा जारी बयान के अनुसार, ब्रेन मेटासतुसिस, ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के अन्य भाग में शुरु हुए कैंसर की कोशिकाएं मस्तिष्क तक पहुंच जाती हैं। कैंसर मरीजों का समय पर फॉलोअप नहीं होने से ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है।
मूलचंद अस्पताल की मेडिकल निदेशक डॉक्टर मधु हांडा ने कहा कि कैंसर के इलाज के बाद ये मरीज अपना ‘फॉलोअप’ नहीं करवा पा रहे हैं। वे लोग कीमोथेरेपी सहित अपने बाकी इलाज भी नहीं करवा पा रहे हैं।
अस्पताल के अनुसार, कैंसर कोशिकाओं के मस्तिष्क तक फैलने की घटना 10 से 30 प्रतिशत के बीच है। ऐसी स्थिति में मरीज के बचने की संभावना बहुत कम होती है और ज्यादातर मामलों में मरीज दो से सात महीने तक ही जीवित रह पाता है।
एक अन्य अस्पताल ने कहा कि लोगों द्वारा सर्जरी में देरी होने के कारण उनकी समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गयी है।
द्वारका स्थित आकाश हेल्थ केयर के एमडी डॉक्टर आशीष चौधरी ने बताया कि लोगों द्वारा सर्जरी में देरी किए जाने के कारण उनकी बीमारी बढ़ गयी है और अब जब वे सर्जरी के लिए आ रहे हैं तो उनका ऑपरेशन ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या बढ़ने के बावजूद कुछ अस्पतालों का कहना है कि कोविड-19 से पहले के मुकाबले कम लोग ही ऑपरेशन करवा रहे हैं।
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