प्रियंका गांधी को बिना हेलमेट स्कूटी पर बैठना पड़ा महंगा, कांग्रेस नेता की स्कूटी का कटा 6100 का चालान

By स्वाति सिंह | Updated: December 29, 2019 18:38 IST2019-12-29T18:38:16+5:302019-12-29T18:38:16+5:30

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुलिस पर शनिवार को गम्भीर आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये पूर्व आईपीएस अफसर के घर जाते वक्त उन्हें रोकने की कोशिश कर रही पुलिस ने उनका गला दबाकर उन्हें गिराया।

Priyanka Gandhi had to sit on a helmet scooty without cost, scooty of Congress leader's cut of 6100 | प्रियंका गांधी को बिना हेलमेट स्कूटी पर बैठना पड़ा महंगा, कांग्रेस नेता की स्कूटी का कटा 6100 का चालान

प्रियंका गांधी को बिना हेलमेट स्कूटी पर बैठना पड़ा महंगा

Highlightsकांग्रेस नेता का चालान कट गया है। लखनऊ पुलिस ने बिना हेलमेट चलने पर 6100 का जुर्माना लगाया गया।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को शनिवार को स्कूटी से ले जाने वाले कांग्रेस नेता का चालान कट गया है। लखनऊ पुलिस ने बिना हेलमेट चलने पर 6100 का जुर्माना लगाया गया।

दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किये गये सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने के लिये शनिवार को प्रियंका गांधी पार्टी मुख्यालय से निकली थीं। लेकिन लोहिया चौराहे पर उन्हें रोक लिया गया।

बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुलिस पर शनिवार को गम्भीर आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये पूर्व आईपीएस अफसर के घर जाते वक्त उन्हें रोकने की कोशिश कर रही पुलिस ने उनका गला दबाकर उन्हें गिराया। हालांकि पुलिस ने प्रियंका के आरोपों को बिल्कुल गलत करार दिया है। 

प्रियंका गांधी ने यूपी पुलिस पर लगाया आरोप 

प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा कि वह सीएए के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में गिरफ्तार किये गये सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एस।आर। दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने के लिये पार्टी के राज्य मुख्यालय से निकली थीं। रास्ते में लोहिया चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी। मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया। मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गयी। आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के दो पहिया वाहन से निकली। उसे भी गिरा दिया गया।'' 

कांग्रेस महासचिव ने अपने फेसबुक पेज पर भी यही बात लिखते हुए कहा, ‘‘मगर मेरा निश्चय अटल है। मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं। मेरा सत्याग्रह है। भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है। मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं प्रदेश में कहां जाऊंगी यह भाजपा सरकार नहीं तय करेगी।'' हालांकि पुलिस ने प्रियंका के आरोपों को गलत बताया है। 

पुलिस ने प्रियंका गांधी के आरोपों से किया इनकार

पुलिस क्षेत्राधिकारी अर्चना सिंह ने अपने उच्चाधिकारियों को दी गई सूचना में कहा है कि प्रियंका के कार्यक्रम में उनकी ड्यूटी फ्लीट प्रभारी के रूप में लगाई गई थी। प्रियंका गोखले मार्ग स्थित कौल हाउस के लिए रवाना हुई थी, मगर उनकी गाड़ी निर्धारित मार्ग से ना जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी। 

इस पर उनसे पूछा गया कि वह कहां जाना चाहती हैं। अर्चना ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका के गंतव्य के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया। उसके बाद प्रियंका गाड़ी से उतरकर कार्यकर्ताओं के साथ पैदल चलने लगीं। गला पकड़ना और गिराना आदि जैसी कुछ भ्रामक बातें सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही हैं, जो बिल्कुल झूठ हैं। 

प्रियंका ने कहा, ‘‘दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अफसर हैं। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के लिये फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनकी पत्नी बहुत बीमार हैं। यह सब किसलिये? क्योंकि आपकी नीति उन्हें पसंद नहीं है?’’ 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह ने बताया कि पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी ने लोहिया चौराहे पर प्रियंका के वाहन के आगे अपनी गाड़ी लगा दी तो वह पैदल ही चल पड़ीं। करीब एक किलोमीटर दूर पुल पार करने के बाद प्रियंका फिर गाड़ी पर बैठीं। 

आगे मुंशी पुलिया इलाके में पुलिस ने उन्हें फिर रोका तो वह दोबारा पैदल चलने लगीं और इंदिरा नगर के सेक्टर 18 में अचानक एक गली में मुड़ गयीं। इस हाई वोल्टेज ड्रामे के दौरान हलकान हुई पुलिस और पार्टी नेताओं के बीच अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। कुछ देर तक तो पता ही नहीं चला कि प्रियंका कहां गयीं। 

बाद में मालूम हुआ कि वह दारापुरी के घर पहुंच गयीं हैं। इस दौरान उन्होंने करीब तीन किलोमीटर पैदल सफर किया। दारापुरी के परिजन से मुलाकात के बाद प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा ''मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं था ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आयें। मुझे रोका गया तभी मैं पैदल चली। इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है। अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें।'' इस सवाल पर कि क्या सरकार को लगता है कि उनकी वजह से उसकी राजनीति को खतरा है, प्रियंका ने कहा ''सबकी राजनीति को खतरा है।'

Web Title: Priyanka Gandhi had to sit on a helmet scooty without cost, scooty of Congress leader's cut of 6100

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