निजी अस्पताल कोरोना टीकों की खुराकें सरकार को लौटा सकते हैं : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा
By भाषा | Updated: June 11, 2021 19:47 IST2021-06-11T19:47:25+5:302021-06-11T19:47:25+5:30

निजी अस्पताल कोरोना टीकों की खुराकें सरकार को लौटा सकते हैं : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा
जबलपुर (मध्य प्रदेश), 11 जून मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने निजी अस्पतालों को कोविड-19 के टीकों की खुराकें सरकार को लौटाने की अनुमति दे दी है और सरकार को निर्देश दिया है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी लौटाए गये इन टीके की खुराकों की जांच करें और इन अस्पतालों को धन वापसी की प्रक्रिया करें।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक एवं न्यायमूर्ति सुजय पॉल की खंडपीठ ने कहा कि केन्द्र सरकार की नीति में बदलाव के कारण अब कोरोना का टीकाकरण नि:शुल्क लगना है।
उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार के आदेश में कहा, ‘‘जिन (आवेदन करने वाले निजी) अस्पतालों का जिक्र किया गया है, वे जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन एवं नरसिंहपुर के संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्दिष्ट नंबरों की (कोरोना टीकों की) शीशियां/टीकों की खुराकें वापस लौटा सकते हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इनकी जांच करें कि वे ठीक हैं या नहीं और एक महीने के अंदर संबंधित अस्पताल को वापस किये गये इन टीकों के एवज में पैसे लौटाए जाएं।’’
कोर्ट मित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन द्वारा दायर किये गये आवेदन में जबलपुर के सात निजी अस्पतालों और ग्वालियर, जबलपुर एवं नरसिंहपुर के एक-एक निजी अस्पताल ने टीकाकरण नीति में बदलाव के बाद उनके पास बचे हुए कोरोना टीकों की इन शीशियों/टीकों की खुराकें सरकार को वापस लौटाने की इच्छा जताई थी।
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