पीएमकेवीवाई के प्रशिक्षितों में से हर पांचवें को ही मिल पाया रोजगार
By नितिन अग्रवाल | Published: November 9, 2020 10:42 AM2020-11-09T10:42:24+5:302020-11-09T10:49:23+5:30
नई दिल्ली: देश के युवाओं को उचित प्रशिक्षण देकर रोजगार दिलाने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत प्रशिक्षित होने के बाद भी युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. स्थिति यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा योजना के तहत पिछले पांच साल में हर पांचवें प्रशिक्षित को ही नौकरी मिल पाई है. महाराष्ट्र में पीएमकेवीवाई के 14 प्रशिक्षितों में से केवल एक को ही रोजगार मिला है. कौशल विकास और उद्यमशीलता मंंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों में योजना के तहत लगभग 87.98 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया.
जिनमें से वित्त वर्ष 2019-20 तक लगभग 18 लाख को ही रोजगार मिला. 22 से अधिक मंत्रालयों के सहयोग से 2015 में शुरू की गई योजना के पहले चरण में लगभग 19.86 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया. जिनमें से 2.52 लाख को ही रोजगार मिला. इसके बाद योजना के दूसरे चरण के तहत पिछले चार सालों के दौरान लगभग 68.12 लाख ने प्रशिक्षण तो हासिल किया, लेकिन रोजगार मिला केवल लगभग 15.48 लाख को ही. पीएमकेवीवाई के तहत महाराष्ट्र में पिछले पांच सालों में लगभग 8.22 लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया गया. लेकिन, प्रशिक्षण के बाद रोजगार पाने वालों की संख्या केवल 58,606 थी.
इस लिहाज से प्रशिक्षण के बाद भी हर 14 व्यक्ति को ही रोजगार हासिल हुआ. यह स्थित तब थी जब प्रदेश में योजना के पहले चार साल भाजपा की अगुवाई वाली सरकार थी. वर्ष 2018-19 के दौरान सबसे अधिक 18,823 लोगों तथा 2019-20 में 18,237 लोगों को रोजगार मिला. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार योजना के तहत उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षित 12.58 लाख में से 2.61 लाख, मध्यप्रदेश में 6.39 लाख में से 1.70 लाख, तमिलनाडु में 5.44 लाख प्रशिक्षितों में से केवल 1.43 लाख को ही रोजगार मिला.
प्रधानमंत्री के अपने गृह राज्य गुजरात में भी योजना का असर बहुत अच्छा नहीं रहा. यहां भी 2.5 लाख प्रशिक्षितों में से लगभग 38 हजार ही रोजगार हासिल करने में कामयाब हुए. उद्योगों के अनुकूल प्रशिक्षण की व्यवस्था मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि हर साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय कौशल कार्यक्र म के तहत पीएमकेवीवाई योजना चलाई गई है. केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों, उद्योग, प्रशिक्षण व्यवस्था के बीच समन्वय, राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क तथा योजना के आंकड़ों का प्रबंधन स्मार्ट पोर्टल के जरिए किया जाता है.
मंत्रालय ने कौशल विकास निगम के माध्यम से कुशल भारत मिशन के तहत उद्योगों से जुड़ने के लिए कई पहल की हैं. इनमें 588 प्रशिक्षण प्रदाता भी भागीदारी करते हैं. प्रशिक्षण के पाठ्यक्र म, प्रशिक्षण शुरू करने, आंकलन और प्रमाणित करने के लिए 37 कौशल परिषदें भी बनाई गई हैं.
सॉफ्टवेयर की दिग्गज कंपनियों संग करार अधिकारी ने बताया कि देशभर में सभी जिलों में प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों तथा निजी भागीदारी के साथ अत्याधुनिक केंद्रों की स्थापना की जा रही है. अब तक ऐसे 810 से अधिक केंद्र आबंटित किए गए हैं. इनके अतिरिक्त सरकार ने निजी कंपनियों की सामाजिक जिम्मेदारी के तहत प्रशिक्षण के लिए सॉफ्टवेयर की दिग्गज नेस्कॉम, आईबीएम तथा एसएपी जैसी कंपनियों के साथ समझौते भी किए हैं.
राज्य प्रशिक्षित रोजगार
गुजरात 250439 37975
महाराष्ट्र 821818 58606
कर्नाटक 386224 59324
आंध्रप्रदेश 294344 77555
पंजाब 307747 89238
तमिलनाडु 544608 143668
मध्यप्रदेश 639123 170792
उत्तरप्रदेश 1258067 261470
अखिल भारतीय 8797902 1799502