'अयोध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना पड़ेगा भारी विरोध का सामना', ज्योतिषी अटलांटा कश्यप ने 2019 में की थी भविष्यवाणी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 19, 2024 10:56 AM2024-01-19T10:56:28+5:302024-01-19T11:01:48+5:30
राम मंदिर समारोह को लेकर हो रहे विवाद के बीच ज्योतिषी अटलांटा कश्यप ने 2019 में इस बात का संकेत दे दिया था कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुरा समय शुरू हो सकता है।
नई दिल्ली: धार्मिक ग्रंथों और मान्यातों के अनुसार जब तक किसी मंदिर का निर्माण पूरी तरह से न हो जाए तब तक मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को वर्जित माना गया है। इसे अशुभ माना जाता है और कहा जाता है कि इससे देवता नाराज होते हैं। अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य अभी पूरा ही नहीं हुआ है और आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है।
इस समारोह को लेकर संत समाज और राजनीतिक पार्टियों में काफी मदभेद देखा जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विषय को लेकर विवादों में फंसते दिखाई दे रहे हैं। संत समाज के मंदिर समारोह के विरोध से पहले ही ज्योतिषी अटलांटा कश्यप ने 2019 में इस बात का संकेत दे दिया था कि आने वाले समय में अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुरा समय शुरू हो सकता है।
ज्योतिषी अटलांटा कश्यप को भविष्य में घटित होने वाली संभावित घटनाओं का आभास पहले ही स्वप्न में हो जाता है। वह अपने स्वप्न में जो भी देखती है, अपने सोशल मीडिया पर शेयर करती है और बाद में वही घटना सत्य साबित होती है। अटलांटा कश्यप ने 1 जनवरी 2024 की रात में अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बारे एक स्वप्न देखा था। ज्योतिषी अटलांटा के अनुसार उनको अधूरे श्रीराम मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनके स्वप्न के अनुसार एक सुन्दर मां बहुत रो रही थीं। मां का अर्थ धरती माता भी है। त्रेता युग में श्रीराम का कारक कौन था? उस युग में श्रीराम के लिए धरती माता ने गाय का अवतार लिया था। विश्व शांति और समृद्धि के लिए गाय जैसा कोई नहीं।
अविश्वसनीय बात यह है कि उनके सपने से पहले श्रीराम लला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के खिलाफ कोई भी नहीं था लेकिन इस स्वप्न के तीन दिन के बाद संत समाज और चारो शंकराचार्य ने विरोध करना शुरू कर दिया।
गोवर्धन मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी ने हाल ही में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि अभी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के हिसाब से नहीं हो रही है, इसलिए मेरा उसमें जाना उचित नहीं है। पुराणों में लिखा है कि देवता की मूर्ति तब प्रतिष्ठित होती है, जब शास्त्रों के हिसाब से विधिवत हो। अगर ये ढंग से ना किया जाए तो देवी देवता क्रोधित हो जाते हैं। यह खिलवाड़ नहीं है। ढंग से किया जाए तभी देवता का तेज सबके लिए अच्छा रहता है, वरना विस्फोटक हो जाता है। पूरी तरह से मंदिर निर्माण के बाद प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होना चाहिए।
बता दें कि ज्योतिषी अटलांटा कश्यप के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आए स्वप्न के तीन दिन के बाद संत समाज और चारो शंकराचार्य की यह प्रतिक्रिया आई है। अटलांटा द्वारा की भविष्यवाणी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुरा समय आने वाले है। उनकी माने तो शनि, राहू और केतु का एक दूसरे से लेना देना है। राहू साइलेंट ग्रह है लेकिन योग ऐसा बन रहा है कि राहु दाहिने हाथ से बाए हाथ पर खुद ही अटैक कर रहा है। अगर कोई भी नंबर सात पावर के साथ उलझता है तो सात पावर अगले पावर वाले को बहुत भारी नुकसान पहुंचा सकता है। जिसमे स्वास्थ्य संबंधी समस्या, दिमागी परेशानी और दर्द का संयोग बनेगा। इसलिए मोदी जी के लिए बुरा वक्त आने वाला है। हालात ने उन्हें 7 (केतु) नंबर के साथ उलझा दिया है। इसलिए उनका बुरा समय शुरू हो सकता है।
ज्योतिषी अटलांटा कश्यप की अब तक कोई भी भविष्य भविष्यवाणी विफल नहीं हुई है। वह एलियंस के बीच टेलीपैथी बातचीत भी कर रही हैं। उन्होंने कई साल पहले भविष्यवाणी की थी कि भविष्य में भारत पूरी दुनिया में नंबर 1 होगा। बहरहाल, प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चारों शंकराचार्य शामिल नहीं हो रहे हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार विधि पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा न हो उस प्रतिमा में देव विग्रह की बजाय भूत, प्रेत, पिशाच, बेताल आदि हावी हो जाते हैं। उसकी पूजा का भी अशुभ फल होता है।