नीलगिरि: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार, 5 अगस्त को तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में थेप्पाकाडु हाथी शिविर का दौरा किया। राष्ट्रपति ने वहां हाथियों को गन्ना खिलाया और बाद में आदिवासी दंपति बोम्मन और बेली के साथ बातचीत की, जिन्हें ऑस्कर विजेता वृत्तचित्र ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’’ में दिखाया गया था।
इस अवसर पर उन्होंने अन्य महावतों और हाथियों की देखभाल करने वालों के साथ भी बातचीत की। बेली को हाल में तमिलनाडु सरकार ने हाथियों की देखभाल के लिए नियुक्त किया था। इससे पहले, मैसूरु से मासिनागुडी हेलीपैड पहुंचीं राष्ट्रपति का तमिलनाडु के वन मंत्री एम मथिवेंदन, पर्यटन मंत्री के रामचंद्रन, जिलाधिकारी एस पी अमृत और अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया। राष्ट्रपति के आगमन पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया और बाद में उन्हें ‘मुदुमलाई टाइगर रिजर्व’ में हाथी शिविर के चारों ओर ले जाया गया, जिसमें लगभग 23 हाथियों को रखा गया है।
रविवार को, वह चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय के 165वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगी और बाद में राजभवन में दरबार हॉल का नाम बदलकर कवि सुब्रमण्यम भारती के नाम पर ‘भरतियार मंडपम’ करेंगी। पुडुचेरी की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति सात अगस्त को जवाहरलाल स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (जेआईपीएमईआर) के लीनियर एक्सेलेरेटर का उद्घाटन करने सहित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी और अगले दिन ऑरोविले का दौरा करेंगी।
ऑस्कर विजेता वृत्तचित्र ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ में दिखाए जाने के बाद मशहूर हुए थेप्पाकाडु हाथी शिविर का दौरा पीएम मोदी भी कर चुके हैं। यहां पीएम मोदी ने भी आदिवासी दंपति बोम्मन और बेली के साथ मुलाकात की थी। ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ जिन दो हाथियों रघु और अम्मू की कहानी दिखाई गई थी उन्हें देखने के लिए अब बड़ी संख्या में पर्यटक तमिलनाडु के थेप्पकाडु हाथी शिविर आते हैं।
बता दें कि थेप्पाकडू हाथी शिविर एशिया में सबसे पुराना है और 1917 में स्थापित किया गया था। शिविर में वर्तमान में 28 हाथी हैं। यहां जंगली हाथियों को लाकर पाला जाता है और उन्हें कुम्की हाथियों में बदल दिया जाता है। कुम्की हाथी उस हाथी को कहा जाता है जो ट्रेंड होते हैं और अपने महावत के इशारों पर काम करते हैं।