अफजल गुरु के बेटे का बना आधार कार्ड, कहा- भारतीय पासपोर्ट मिलने पर गर्व होगा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 5, 2019 09:43 AM2019-03-05T09:43:17+5:302019-03-05T09:43:17+5:30

गालिब अपनी तबस्सुम और नाना गुलाम मोहम्मद के साथ रहते हैं और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। वह नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंटरेंस टेस्ट (NEET) की तैयार की कर रहे हैं। गालिब ने मीडिया से कहा कि मुझे भारतीय पासपोर्ट मिलने पर गर्व होगा।

Preparing for NEET Afzal Guru Son Ghalib is happy to get Aadhaar Card, now wants Indian passport | अफजल गुरु के बेटे का बना आधार कार्ड, कहा- भारतीय पासपोर्ट मिलने पर गर्व होगा

अपनी मां तबस्सुम के साथ गालिब गुरु। (फाइल फोटो)

Highlightsडॉक्टर बनना चाहता है अफजल गुरु का बेटाकहा- पिता का सपना पूरा करना चाहता हूं

2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमला करने वाले अफजल गुरु के 18 वर्षीय बेटे गालिब गुरु ने आधार कार्ड बनने पर खुशी जताई है। गालिब ने कहा है कि उन्हें गर्व है और अब वह भारतीय पासपोर्ट चाहते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक गालिब ने कहा, ''कम से कम मेरे पास दिखाने के लिए एक कार्ड है। मैं खुश हूं।'' गालिब अपनी मां तबस्सुम और नाना गुलाम मोहम्मद के साथ रहते हैं और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। वह नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंटरेंस टेस्ट (NEET) की तैयार की कर रहे हैं। गालिब ने मीडिया से कहा कि मुझे भारतीय पासपोर्ट मिलने पर गर्व होगा। उन्होंने बताया कि पासपोर्ट मिलने के बाद उनके लिए विदेश में पढ़ाई करने का रास्ता खुल जाएगा। 

गालिब ने बताया कि वह भारत में एक मेडीकल कॉलेज खोलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह 5 मई को होने वाले नीट एग्जाम में क्वालीफाई नहीं होते हैं तो वह विदेश जाना चाहेंगे। तुर्की का एक कॉलेज उन्हें स्कॉलरशिप दे सकता है। गालिब ने बताया कि वह अपने पिता का सपना पूरा करना चाहते हैं। अफजल के बेटे ने कहा, ''हम पहले की अपनी गलतियों से सीखते हैं, मेरे पिता शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडीकल साइंस में पढ़ाई कर अपना करियर नहीं बना सके। मैं इसे पूरा करना चाहता हूं।'' गालिब अपनी मां को उन्हें आतंकी संगठनों से दूर रखने का क्रेडिट देते हैं। 

संसद हमले में अफजल के दोषी ठहराए जाने के बाद आतंकी संगठनों ने कोशिश की थी कि उनका बेटा बंदूक उठाए और अपने पिता को फांसी दिए जाने का बदला ले। पुलवामा आतंकी हमले का फिदायीन हमलावर आदिल अहमद डार अफजल गुरु के आत्मघाती दस्ते और जैश-ए-मोहम्मद का ही हथियार था।

गालिब ने कहा, ''मेरा मां को क्रेडिट जाता है। मैं जब पांचवीं कक्षा में था तब से मेरी मां ने मुझे अलग जगह मुहैया कराई। वह हमेशा कहती हैं कि कोई मुझे से कुछ भी कहें, मैं रिएक्ट न करूं। मेरी प्राथमिकता मेरी मां हैं न कि वह जो लोग कहते हैं।''

गालिब के 73 वर्षीय नाना इतिहास से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वह कहते हैं, ''मुझे अपने पोते पर गर्व हैं, वह दसवीं में 95 फीसदी और 12वीं में 89 फीसदी अंक लाया। वह एक लक्ष्य पाने का प्रयास कर रहा है जो उसका पिता नहीं कर पाया। मुझे यकीन हैं कि वह डॉक्टर जरूर बनेगा।'' 

Web Title: Preparing for NEET Afzal Guru Son Ghalib is happy to get Aadhaar Card, now wants Indian passport

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