प्रयागराजः मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को लेकर सपा विधायक आजम खान को अंतरिम जमानत, जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 10, 2022 20:51 IST2022-05-10T18:09:17+5:302022-05-10T20:51:40+5:30
सपा विधायक आजम खान को अंतरिम जमानत इस शर्त पर दी गई है कि उन्हें संपूर्ण शत्रु संपत्ति अर्द्धसैनिक बल को लौटानी होगी और एक लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की दो प्रतिभूति जमा करनी होगी।

लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत दर्ज कराई गई थी।
प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान को मंगलवार को अंतरिम जमानत दे दी। आजम खान ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए यह संपत्ति हड़पी थी।
अदालत ने रामपुर के जिलाधिकारी को 30 जून, 2022 तक जौहर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित शत्रु संपत्ति का कब्जा लेने और एक चहारदीवारी खड़ी करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने अपने निर्देश में कहा कि जमीन का कब्जा लेने की कवायद जिलाधिकारी रामपुर की संतुष्टि के मुताबिक पूरा होने पर आजम खान की अंतरिम जमानत, नियमित जमानत में तब्दील हो जाएगी।
Allahabad HC has granted interim bail to SP leader Azam Khan with the condition to hand over disputed property by May 30th. This matter has been disposed off but he will not come out of jail because of a separate incident that took place this week:Safdar Kazmi, Azam Khan's lawyer pic.twitter.com/sy1Q5M5b9e
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 10, 2022
उल्लेखनीय है कि 13.842 हेक्टेयर की विवादित जमीन इमामुद्दीन कुरैशी नाम के व्यक्ति की थी जो देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चला गया और उसने भारत की नागरिकता छोड़कर पाकिस्तान की नागरिकता ले ली थी। अदालत ने जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि जमानत किसी भी आरोपी का अधिकार है और जेल अपवाद है, इसलिए मानवीय आधार पर यह अदालत याचिकाकर्ता के खराब होते स्वास्थ्य, बढ़ती आयु और जेल में बिताई अवधि को ध्यान में रखते हुए कुछ शर्तों के साथ जमानत की अर्जी मंजूर करती है।
Allahabad High Court has granted interim bail to Samajwadi Party leader Azam Khan for two months. The court has said that it was wrong to capture 'enemy property'. The land has been handed over to the paramilitary force.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 10, 2022
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अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी रिहाई के दिन संबद्ध अदालत के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा करेगा और उसका भविष्य मुकदमा खत्म होने पर तय होगा। वह इस बात का शपथपत्र देगा कि वह साक्ष्य के लिए तय दिन पर सुनवाई टालने की मांग नहीं करेगा खासकर तब जब जब गवाह अदालत में मौजूद होंगे। अदालत ने कहा कि निचली अदालत याचिकाकर्ता की रिहाई के बाद एक साल के भीतर मुकदमे की सुनवाई पूरा करने का हर संभव प्रयास करेगी। किसी भी शर्त का उल्लंघन जमानत रद्द करने का आधार होगा।
अदालत ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता मोहम्मद आजम खान करीब ढाई साल से जेल में हैं, उन्हें एक लाख रुपये का निजी मुचलका भरने और इतनी ही राशि की दो प्रतिभूतियां जमा करने पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि आजम खान और अन्य लोगों पर कथित तौर पर शत्रु संपत्ति हड़पने और सैकड़ों करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी धन का दुरुपयोग करने के लिए रामपुर के आजम नगर पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। यह प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 201, 409, 447, 420, 467, 468, 471 के साथ ही लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत दर्ज कराई गई थी।