संशोधित नागरिकता कानून पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर जनता दल (यू) के उपाध्यक्ष और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने निशान साधा है। उन्होंने अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा है कि वो विरोध की परवाह नहीं करते तो सीएए और एनआरसी लागू करने पर आगे बढ़ें। नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत होता। अमित शाह जी, अगर आप सीएए और एनआरसी का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते हैं, तो आप आगे क्यों नहीं बढ़ते। जैसे आपने पूरे देश को इस कानून की क्रोनोलॉजी समझाई थी उसी तरह इसे लागू करें।'
बता दें कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मंगलवार को उन्हें चुनौती दी कि जिसको विरोध करना है, करे लेकिन सीएए वापस नहीं होने वाला है। शाह ने सीएए के समर्थन में राजधानी के बंग्लाबाजार स्थित कथा पार्क में आयोजित विशाल जनसभा में कहा, ''इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। यदि ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाओ।''
उन्होंने कहा, ''देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है ।।। मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है।'' गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है। उन्होंने कहा, ''सीएए के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। मैं कहने आया हूं कि जिसमें भी हिम्मत है वह इस पर चर्चा करने के लिये सार्वजनिक मंच ढूंढ ले। हम चर्चा करने के लिये तैयार हैं।'' शाह ने कहा कि सीएए की कोई भी धारा मुसलमान तो छोड़ दें, किसी भी बाशिंदे की नागरिकता लेती हो तो बता दें। गृह मंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा ''राहुल बाबा कान खोलकर सुन लो।।। आपकी पार्टी के पाप के कारण 16 जुलाई 1947 को धर्म के आधार पर विभाजन को स्वीकार किया गया।''
उन्होंने दावा किया, ''बंटवारे के वक्त पूर्वी पाकिस्तान में 30 प्रतिशत और पश्चिमी पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिन्दू, सिख बौद्ध और जैन थे मगर अब वहां अब वे सिर्फ सात और तीन प्रतिशत ही रह गये हैं। बाकी कहां गये? वे या तो मार दिये गये या उनका धर्म परिवर्तन किया।।। या फिर भारत आकर शरण ली। इन आंखों के अंधों को दिखायी नहीं दिया कि करोड़ों लोगों पर अत्याचार हुआ।''
कांग्रेस ने शाह पर लगाया तानशाह का आरोप
कांग्रेस ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सत्ता के अहंकार में डूबकर बयानबाजी करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को लखनऊ में धारा 144 लागू होने के बावजूद उनकी रैली पर सवाल उठाये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने यहां एक बयान में आरोप लगाया कि शाह सत्ता के गुरूर में डूबकर मर्यादा लांघ रहे हैं और तानाशाह की भाषा बोल रहे हैं। शाह द्वारा रैली में राहुल गांधी पर की गयी टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों के खून में पाकिस्तान बहता है, तभी वह बात-बात में पाकिस्तान का जिक्र करते रहते हैं।