नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आखिरकार राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर पर अपने विचार साझा किए और कहा कि ये शिविर कुछ भी सार्थक हासिल करने में विफल रहा।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "मुझसे लगातार उदयपुर चिंतन शिविर के परिणाम पर टिप्पणी करने के लिए कहा जा रहा था। मेरे अनुसार यह यथास्थिति को बढ़ाने और कांग्रेस नेतृत्व को कुछ समय देने के अलावा कुछ भी सार्थक हासिल करने में विफल रहा, कम से कम गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आसन्न चुनावी हार तक!"
बताते चलें कि 2024 के विधानसभा चुनावों और चुनावी चुनौतियों की रणनीति पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस द्वारा तीन दिवसीय विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया था, जिसमें गांधी परिवार और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया था। तीन दिवसीय 'नव संकल्प चिंतन शिविर' पार्टी में चुनावी हार और असंतोष की एक कड़ी की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया था, जिसमें पिछले सात वर्षों में तेज गिरावट देखी गई थी।
शिविर ने समयबद्ध पार्टी पुनर्गठन, ध्रुवीकरण की राजनीति से निपटने के तरीके खोजने और आगामी चुनावी चुनौतियों के लिए युद्ध के लिए तैयार होने पर ध्यान केंद्रित किया।