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प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा औरा राजद को बताया शराब कांड के लिए दोषी

By एस पी सिन्हा | Updated: December 15, 2022 18:54 IST

पीके ने कहा कि भाजपा और राजद जब सत्ता मिल जाती है तो वे चुप्पी साध लेते हैं और जैसे ही विपक्ष की भूमिका में आते हैं, शराबबंदी को लेकर हायतौबा मचाने लगते हैं।

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ठळक मुद्देउन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की जिद के कारण बिहार के लोगों की आज यह दुर्दशा हो रही हैछपरा में कथित जहरीली शराब को पीने से हुई मौतों पर पीके ने जताया दुखबोले - सरकार की गलत नीति के कारण आज इतने लोगों की जान चली गई

पटना: बिहार में जहरीली शराबकांड को लेकर सियासत गरमा गई है। विपक्षी दल भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उधर, जन सुराज यात्रा पर निकले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ- साथ भाजपा और राजद पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की जिद के कारण बिहार के लोगों की आज यह दुर्दशा हो रही है।

पीके ने कहा कि भाजपा और राजद जब सत्ता मिल जाती है तो वे चुप्पी साध लेते हैं और जैसे ही विपक्ष की भूमिका में आते हैं, शराबबंदी को लेकर हायतौबा मचाने लगते हैं। शराबबंदी के खिलाफ अगर सबसे पहले किसी ने आवाज उठाई थी तो वह प्रशांत किशोर ने उठाया था। उन्होंने कहा कि छपरा की घटना से दुखद कोई घटना नहीं हो सकती है। सरकार की गलत नीति के कारण आज इतने लोगों की जान चली गई। 

पीके ने कहा कि भाजपा के लोग आज जो विधानसभा में हंगामा कर रहे हैं, उन्हीं लोगों ने पांच साल तक सत्ता में नीतीश के साथ बैठकर शराबबंदी का समर्थन किया था। भाजपा के लोगों को भी बताना चाहिए कि जब वे सत्ता में थे तो शराबबंदी को खत्म कराने के लिए क्या किया? बिहार के जो भी राजनीतिक दल हैं, उन्हें पहले ये बताना चाहिए कि शराबबंदी पर उनका क्या स्टैंड है? उन्होंने कहा कि जो काम राजद के लोग करते थे, आज वही काम भाजपा के लोग कर रहे हैं। भाजपा के लोग सरकार में थे तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी। आज जब छपरा में बड़ी घटना हो गई तो लोगों का ध्यान इसपर गया है लेकिन इससे पहले भी बिहार में शराब से मौतें होती रही हैं। एक्का दुक्का शराब से हुई मौतों को पुलिस और प्रशासन के स्तर पर दबा दिया जाता है। 

उन्होंने कहा कि गरीब परिवार के लोगों को इस बात को कहकर डराया धमकाया जाता है कि अगर वे जहरीली शराब से होने वाली मौत को लेकर आवाज उठाएंगे तो उनपर शराबबंदी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में ज्यादातर परिवार परिजनों की मौत के बाद उस घटना का केस तक दर्ज नहीं करा पाते हैं। 

पीके ने कहा कि जब से वे पदयात्रा कर रहे हैं तबसे कोई ऐसे ब्लॉक नहीं मिला है जहां कि शराब से मौत नहीं हुई है। बिहार में शराब से मौत रोजाना की बात हो गई है। शराबबंदी बिहार में पूरी तरह से फेल है और नीतीश कुमार की जिद के कारण राज्य की यह दुर्दशा हो रही है। बिहार के हर गांव में शराब बिक रही है और सरकार दावा कर रही है कि शराबबंदी सफल है।

टॅग्स :प्रशांत किशोरबिहारनीतीश कुमारBJP
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