नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान यूपी के कई हिस्सों में हिंसा हुई। इसमें कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए। इसमें प्रदर्शनकारियों से लेकर पुलिसकर्मी तक शामिल थे। अब यूपी पुलिस ने वीडियो और तस्वीरों के आधार पर हिंसा फैलाने वाले संदिग्धों का पोस्टर जारी किया है। इन संदिग्धों की पहचान करने वालों को ईनाम भी दिया जाएगा।
यूपी पुलिस ने कानपुर, फिरोजाबाद और मऊ में हिंसा फैलाने वाले संदिग्धों के पोस्टर जारी किए हैं। इसके अलावा गोरखपुर में संपत्ति जब्त करने का नोटिस दिया है। उधर बिजनौर में तीन वांछित लोगों पर 25-25 हजार रुपये का ईनाम रखा गया है। संदिग्धों को पोस्टर को पुलिस जगह-जगह चस्पा करने के अलावा वाट्सएप और फेसबुक पर भी शेयर की है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि उपद्रवियों की पहचान बताइए। पुलिस ने पहचान बताने वालों का नाम गुप्त रखने का वादा किया है।
मऊ में लगाए गए पोस्टर में 110 संदिग्धों की तस्वीर लगाई गई है। पुलिस ने अपील की है, 'समस्त जनपद वासियों से अनुरोध है कि 16 दिसंबर को थाना दक्षिण टोला एवं मिर्जाहादीपुरा पर उपद्रव, तोड़-फोड़, आगजनी आदि कर लोक व्यवस्था भंग करने वाले उपद्रवियों को चिन्हित कर उनका फोटो जारी किया जा रहा है। इनका नाम व पता बताने वाले व्यक्तियों का नाम गुप्त रखा जाएगा एवं पुरस्कार भी दिया जाएगा। कृपया दिए गए मोबाइल नंबरों पर सूचना उपलब्ध कराने का कष्ट करें।'
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ में हिंसा फैलाने वालों पर सवाल खड़े किए। पीएम मोदी ने कहा, 'उत्तम शिक्षा हमारा हक है, लेकिन शिक्षा के संस्थानों की सुरक्षा, शिक्षकों का सम्मान ये हमारा दायित्व भी है। चिकित्सा सुविधा हमारा हक है, लेकिन डॉक्टरों का सहयोग और सम्मान करना हमारा दायित्व भी है। सुरक्षित माहौल मिलना हमारा हक है, लेकिन सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पुलिस तंत्र के काम को सम्मान देना ये हमारा दायित्व है।'