प्रदूषण: न्यायालय ने एमसीडी पर ‘‘जिम्मेदारी थोपने’’ पर आप सरकार को झाड़ लगाई

By भाषा | Updated: November 15, 2021 16:50 IST2021-11-15T16:50:19+5:302021-11-15T16:50:19+5:30

Pollution: Court slams AAP government for "imposing responsibility" on MCD | प्रदूषण: न्यायालय ने एमसीडी पर ‘‘जिम्मेदारी थोपने’’ पर आप सरकार को झाड़ लगाई

प्रदूषण: न्यायालय ने एमसीडी पर ‘‘जिम्मेदारी थोपने’’ पर आप सरकार को झाड़ लगाई

नयी दिल्ली, 15 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने सड़कों की सफाई करने वाली मशीनों के मुद्दे पर नगर निगमों पर ‘‘जिम्मेदारी थोपने’’ को लेकर सोमवार को दिल्ली सरकार को झाड़ लगाई और चेतावनी दी कि बहानेबाजी उसे कुल अर्जित राजस्व तथा विज्ञापनों पर व्यय को लेकर ऑडिट जांच कराने को विवश करेगी।

दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ से कहा कि सरकार ने सड़कों से धूल साफ करने के लिए 69 यांत्रिक मशीन लगाई हैं। इस पर पीठ ने पूछा, "क्या ये मशीन पूरी दिल्ली के लिए पर्याप्त हैं?"

मेहरा ने कहा कि यह सब दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) देखता है क्योंकि वह एक स्वतंत्र और स्वायत्त निकाय है।

उन्होंने कहा कि इस बारे में महापौर या संबंधित निगम स्टाफ रिकॉर्ड में हलफनामा दाखिल कर सकते हैं कि क्या यह पर्याप्त है।

पीठ ने कहा, ‘‘आप फिर एमसीडी पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं।’’

न्यायालय ने कहा, "इस तरह के बहाने हमें लोगों की देखभाल करने के बजाय लोकप्रियता के नारों पर आपके द्वारा एकत्र और खर्च किए जा रहे कुल राजस्व का पता लगाने और ऑडिट जांच कराने के लिए विवश करेंगे।"

दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामे में शीर्ष अदालत को बताया कि शहर में सड़क साफ करने वाली 69 यांत्रिक मशीन संबंधित एजेंसियों द्वारा लगाई गई हैं और इन मशीनों का उपयोग कर सड़कों का 85,000 किलोमीटर से अधिक लंबा क्षेत्र साफ किया गया है।

इसने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि सड़कों पर धूल के कणों को दबाने के लिए दिल्ली में 372 ‘वाटर स्प्रिंकलर’ लगाए गए हैं और अक्टूबर 2021 से 13 नवंबर, 2021 तक 22,000 किलोमीटर से अधिक लंबे सड़क क्षेत्र पर पानी का छिड़काव किया गया है।

शीर्ष अदालत ने शनिवार को दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उसके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था और जानना चाहा था कि क्या उसके द्वारा लगाए गए ‘स्मॉग टॉवर’ काम कर रहे हैं।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि वायु प्रदूषण के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराना एक फैशन बन गया है।

न्यायालय पर्यावरण कार्यकर्ता आदित्य दुबे और विधि छात्र अमन बांका द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें छोटे और सीमांत किसानों को पराली हटाने वाली मशीन नि:शुल्क उपलब्ध कराने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल में दिल्ली के कनॉट प्लेस में "देश के पहले स्मॉग टॉवर" का उद्घाटन किया था और कहा था कि यह एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा था कि यदि पायलट परियोजना के अच्छे परिणाम मिलते हैं तो शहर में ऐसे कई टॉवर स्थापित किए जा सकते हैं।

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Web Title: Pollution: Court slams AAP government for "imposing responsibility" on MCD

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