पूर्व एसएसपी को बचाने में जुटे नकली चीफ जस्टिस को पुलिस ने लिया रिमांड पर, होगी दो दिन पूछताछ
By एस पी सिन्हा | Updated: October 18, 2022 18:14 IST2022-10-18T18:14:22+5:302022-10-18T18:14:22+5:30
गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार को बचाने के लिए पटना हाईकोर्ट का नकली मुख्य न्यायाधीश बनकर डीजीपी को फोन करने वाले अभिषेक अग्रवाल को पुलिस ने रिमांड पर लिया है। आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार पर दबिश बढ़ा दी गई है।

बिहार में नकली चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी को फोन करने वाला आरोपी गिरफ्तार (फाइल फोटो)
पटना: बिहार में गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार को बचाने के लिए पटना हाईकोर्ट का नकली मुख्य न्यायाधीश बनकर डीजीपी को फोन करने वाले नटवरलाल अभिषेक अग्रवाल को आर्थिक अपराध इकाई ने रिमांड पर ले लिया है। अब दो दिनों तक जांच टीम जालसाज अभिषेक अग्रवाल से गहन पूछताछ करेगी। इसके साथ ही इओयू ने आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार पर दबिश बढ़ा दी है।
मुख्य न्यायाधीश बन कर डीजीपी को फोन कर खुद की पैरवी करवाने के खुलासे के बाद आदित्य कुमार को नंबर-1 अभियुक्त बनाया गया है। अपने खास शार्गिद की गिरफ्तारी के बाद से ही आदित्य कुमार मोबाइल बंद कर गायब हैं। वे कहां हैं किसी को पता नहीं।
इधर, ईओयू ने बोरिंग रोड के बरिस्ता रेस्टोरेंट जहां पूरी प्लानिंग रची गई, वहां के डीवीआर को जब्त कर अपने साथ ले गई है। ईओयू सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार किये गये अभिषेक अग्रवाल को दो दिनों की रिमांड लिया गया है। केस के आईओ दो दिनों तक तमाम बिंदुओं पर पूछताछ शुरू कर दी है। आईपीएस आदित्य कुमार से तमाम तरह के रिश्तों पर सवाल पूछे जायेंगे।
मामले में नंबर-1 अभियुक्त आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार पर भी ईओयू आगे की कार्रवाई करेगी। डीजीपी ने शराब केस में फंसे आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को क्लीन चिट दे दी थी। कहा जाता है कि अब फील्ड पोस्टिंग को लेकर कवायद जारी था लेकिन पूरा भांडा फूट गया ।
बता दें कि अभिषेक अग्रवाल ने मुख्य न्यायाधीश बनकर मोबाइल नंबर 97093 03397 से नॉर्मल एवं व्हाट्सएप कॉल कर डीजीपी एसके सिंघल पर दबाव बनाया था। फोन पर बातचीत में डीजीपी उसे सर... सर... कह कर संबोधित करते थे। डीजीपी को विश्वास हो गया था वो बिहार के मुख्य न्यायाधीश से बात कर रहे हैं।
मामले के खुलासे के बाद ईओयू ने आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को नंबर-1 अभियुक्त बनाया है। पूर्व एसएसपी समेत पांच अभियुक्तों के खिलाफ धारा-353, 387, 419, 420, 467, 468 और 120 बी आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।