दो महीने के बच्चे पर 24 घंटे पुलिस रख रही है निगरानी, दो बार हो चुका है किडनैप, जानें पूरा मामला

By वैशाली कुमारी | Updated: June 15, 2021 15:12 IST2021-06-15T15:03:00+5:302021-06-15T15:12:58+5:30

गुजरात के इस बच्चे का दो महीने में दो बार अपहरण किया जा चुका है। वह जब सिर्फ दो दिन का था तब उसका पहली बार अप्रैल में अपहरण किया गया था। बाद में उसे अपहरणकर्ताओं से बचाया लिया गया।

Police have been deployed round the clock for the safety of a two-month-old baby in Adalaj, Gandhinagar. | दो महीने के बच्चे पर 24 घंटे पुलिस रख रही है निगरानी, दो बार हो चुका है किडनैप, जानें पूरा मामला

दो महीने के बच्चे पर 24 घंटे पुलिस रख रही है निगरानी, दो बार हो चुका है किडनैप, जानें पूरा मामला

Highlightsगुजरात के गांधीनगर का मामला, दो महीने में दो बार बच्चा हो चुका है किडनैपसंभवत: ये गुजरात का सबसे छोटा बच्चा है जिसे 24 घंटे सुरक्षा मिल रही हैबच्चा जब केवल दो दिन का था तब उसका पहली बार अप्रैल में अपहरण किया गया था

अहमदाबाद: गांधीनगर के अदलज में दो महीने के बच्चे की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे पुलिस तैनात की गयी है। उस बच्चे का दो महीने में दो बार अपहरण किया जा चुका है। संभवतः यह गुजरात का सबसे छोटा बच्चा है जिसे 24×7 पुलिस सुरक्षा मिलेगी।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार बच्चे के माता-पिता अदलज त्रिमंदिर के पास झुग्गियों में रहते हैं। वह बच्चा सिर्फ दो दिन का था तब उसका पहली बार अप्रैल में अपहरण किया गया था। बाद में उसे अपहरणकर्ताओं से बचा लिया गया। 5 जून को दो लोगों ने उस बच्चे का फिर से अपहरण किया । दोनों घटनाओं मे अपहरणकर्ता निःसंतान दंपत्ति थे जो अपने परिवार के लिए एक बच्चा चाहते थे ।

बच्चे के दो बार अपहरण की कोशिश के बाद पुलिस ने झुग्गी-झोपडिय़ों के पास स्पेशल प्वाइंट बनाकर चौबीसों घंटे एक टीम तैनात करने का फैसला किया है। इसके अलावा पुलिस अधिकारी ने कहा कि जीवनयापन के लिए कचरा इकट्ठा करने वाले माता-पिता को एक स्थायी निवास स्थान देने के बारे में भी सोचा जा रहा है ताकि बच्चों पर इस तरह खतरा हमेशा बरकरार नहीं रहे। 

गांधीनगर में स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) के निरीक्षक एचपी झाला ने कहा कि लड़के के माता-पिता के लिए कुछ अच्छी नौकरी और घर खोजने की कोशिश की जा रही है ताकि वे सुरक्षित रह सकें।  व्यवस्थाओं का विवरण देते हुए, एक एलसीबी अधिकारी ने कहा कि हम बच्चे और उसके माता-पिता की निगरानी करेंगे। बच्चे की मां को कुछ पुलिस वालों का मोबाइल नंबर दिया गया है ताकि वह मदद के लिए कॉल कर सके।

अपहरणकर्ताओं के रडार पर अन्य बच्चे भी

एक अन्य पुलिस ने कहा कि कई ऐसे कमजोर बच्चे हैं जो अपने माता-पिता के साथ फुटपाथ या सड़क के किनारे रहते हैं। वे अपहरणकर्ताओं की नजरों मे आ सकते हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले से सबक लेते हुए, अन्य ऐसे बच्चों को भी इस तरह सुरक्षा प्रदान करने के बारे में विचार किया जा रहा है जिनके माता-पिता जीवनयापन के कचड़ा इकट्ठा करने का काम करते हैं।

अप्रैल में मेहसाणा जिले के काडी से जिग्नेश और अस्मिता भारती ने बनासकांठा से सिर्फ दो दिन के बच्चे का अपहरण कर लिया था। निःसंतान दंपति गांधीनगर सिविल अस्पताल से बच्चे को लेकर भागे थे। गांधीनगर एलसीबी ने उन्हें ट्रैक किया और एक हफ्ते के अंदर बच्चे को बचा लिया। 5 जून को फिर एक निःसंतान दंपत्ति ने बनासवाड़ा से बच्चे का अपहरण कर लिया था।

आरोपी दिनेश और सुधा कटारा को शादी के सात साल बाद भी कोई बच्चा नहीं हुआ। इसलिए, जब दिनेश ने देखा कि मां अपने बच्चे को साइकिल पर एक अस्थायी पालने में रख चुकी थी और वह कचरा इकट्ठा कर रही थी , तो उसने अपनी मोटरसाइकिल से झपट्टा मारकर बच्चे को उठा लिया ।

एलसीबी ने लगभग चार दिन का समय लिया। उन्होंने गुजरात के गांधीनगर, मेहसाणा, अरवल्ली और साबरकांठा जिलों और राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से फुटेज का विश्लेषण किया और बच्चे को सुरक्षित बचा लिया ।

Web Title: Police have been deployed round the clock for the safety of a two-month-old baby in Adalaj, Gandhinagar.

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