गाजीपुर प्रदर्शन स्थल पर पुलिस अवरोधकों को हटाने में लगी, प्रदर्शनकारी किसान तंबुओं में डटे

By भाषा | Updated: October 29, 2021 23:38 IST2021-10-29T23:38:17+5:302021-10-29T23:38:17+5:30

Police engaged in removing blockades at Ghazipur protest site, protesting farmers stuck in tents | गाजीपुर प्रदर्शन स्थल पर पुलिस अवरोधकों को हटाने में लगी, प्रदर्शनकारी किसान तंबुओं में डटे

गाजीपुर प्रदर्शन स्थल पर पुलिस अवरोधकों को हटाने में लगी, प्रदर्शनकारी किसान तंबुओं में डटे

गाजियाबाद(उप्र), 29 अक्टूबर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर लगाये गये अवरोधकों को हटा दिया है। यह दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में किसानों का प्रदर्शन स्थल है, जहां सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान शुक्रवार को भी डटे रहे।

एक अधिकारी ने बताया कि अवरोधकों और कंटीले तार हटाये जाने से यात्रियों को गाजियाबाद से दिल्ली की यात्रा करने में सुविधा होगी। लेकिन शुक्रवार रात तक यह पुष्टि नहीं हो सकी कि क्या मार्ग यातायात के लिए आधिकारिक तौर पर खोल दिया गया है।

इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन दिल्ली-उप्र सीमा पर गाजीपुर में और अन्य स्थानों पर पहले की तरह जारी रहेगा।

बीकेयू ने एक प्रेस बयान में यह टिप्पणी करते हुए उन खबरों को झूठ बताया कि दिल्ली पुलिस प्रदर्शन स्थल के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-9 से अवरोधक हटा रही है।

बीकेयू प्रवक्ता ने एक बयान में किसानों से दिल्ली-उप्र सीमा पर बड़ी संख्या में जमा होकर आंदोलन को मजबूत करने और इसे पहले से अधिक मजबूत करने की अपील कर, आंदोलन के कमजोर पड़ने के बारे में सारे संदेह दूर करने की कोशिश की।

केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की 26 जनवरी को दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हिंसा होने के बाद, पुलिस ने वहां लोहे तथा सीमेंट के अवरोधक और कांटेदार तार लगा दिए थे।

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) प्रियंका कश्यप ने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय राजमार्ग-9 से अवरोधक हटाने का काम शुरू हो गया है। अस्थायी अवरोधकों को वाहनों की आवाजाही सुलभ बनाने के लिए हटाया जा रहा है। वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग-24 यातायात के लिए खुला हुआ है।’’

कश्यप ने कहा कि पुलिस ने अवरोधक हटा दिये हैं और मार्ग वाहनों के यातायात के लिए तैयार है।

सड़क के खुलने से गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा के हजारों लोगों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर प्रदेश के आंतरिक इलाकों से मेरठ और उससे आगे आने जाने वाले लोगों को मदद मिलेगी।

पुलिस अधिकारी और मजदूर गाजीपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-9 पर लगाई गई लोहे की कीलों को भी हटाते हुए देखे गए, जहां सैकड़ों किसान नवंबर 2020 से सड़क़ों पर डटे हैं। ज्यादातर किसान भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) से संबद्ध हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान संगठनों के प्रदर्शन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) कर रहा है।

बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भविष्य के प्रदर्शन की रणनीति एसकेएम द्वारा बनाई जाएगी।

बीकेयू पदाधिकारियों ने बताया कि किसान अवरोधकों को पूरी तरह से हटा लिये जाने के बाद दिल्ली जाना चाहते हैं और गतिरोध खत्म करने के लिए केंद्र के साथ वार्ता करने का विकल्प खुला रखा है।

बीकेयू प्रवक्ता सौरभ उपाध्याय ने कहा, ‘‘यदि सरकार चाहती है कि गतिरोध खत्म हो, तो उसे अब किसानों से बात करनी चाहिए और हम इसके लिए तैयार हैं। लेकिन यदि वह चाहती है कि किसान आंदोलन जारी रहे तो हम अपना अपना आंदोलन जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि प्रदर्शन शुरू होने के बाद से 11 महीने हो चुके हैं।’’

पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-9 (दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे फ्लाईओवर) पर शाम तक तार और लोहों की कीलें हटा दी। हालांकि, वहां प्रदर्शनकारियों के तंबू व अन्य अस्थायी ढांचे अब भी मौजूद हैं।

बीकेयू की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव पवन खटाना ने कहा, ‘‘सरकार ने कहा था कि उसने अवरोधक नहीं लगाये हैं और हमने कहा था कि सरकार और पुलिस ने ही अवरोधक लगाये हैं। हम दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं और अवरोधकों के हटा लिये जाने पर हम दिल्ली की ओर कूच करेंगे। हम संसद जाएंगे, जहां कानून बनाये गये।’’

दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले मार्ग का एक हिस्सा शाम में खोल दिया गया, वहीं इसका दूसरा हिस्सा अब भी अवरूद्ध है क्योंकि वहां प्रदर्शनकारी डेरा डाले हुए हैं।

गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर सीमा पर कुछ अवरोधक हटाये हैं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजीव सभरवाल और पुलिस महानिरीक्षक (मेरठ रेंज) भी शाम में सीमा के पास स्थित कौशांबी पुलिस थाना पहुंचे। उन्होंने किसानों के राजमार्ग अवरूद्ध करने से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

अवरोधक हटाने का काम उच्चतम न्यायालय के 21 अक्टूबर के निर्देश के बाद किया जा रहा है, जिसमें शीर्ष अदालत ने दिल्ली के सीमावर्ती सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शनों के कारण बाधित सड़कों को खोलने को कहा था।

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में नहीं हैं, जबकि केन्द्र सरकार इन्हें किसान-समर्थक बता रही है। हजारों किसान, 26 नवंबर 2020 से इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा से लगे टिकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टिकरी बॉर्डर से अवरोधक हटाए जाने के बाद बृहस्पतिवार रात कहा था कि पुलिस द्वारा लगाए कुछ अवरोधकों को हटा दिया गया है।

उच्चतम न्यायालय ने 21 अक्टूबर को कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़कें जाम नहीं कर सकते।

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