कवयित्री, सामाजिक कार्यकर्ता सुगाताकुमारी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

By भाषा | Updated: December 23, 2020 22:30 IST2020-12-23T22:30:58+5:302020-12-23T22:30:58+5:30

Poetry, social worker Sugatakumari cremated with state honor | कवयित्री, सामाजिक कार्यकर्ता सुगाताकुमारी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

कवयित्री, सामाजिक कार्यकर्ता सुगाताकुमारी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

तिरुवनंतपुरम, 23 दिसंबर प्रख्यात मलयाली कवयित्री और महिला कार्यकर्ता सुगाताकुमारी का बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।

कोविड-19 संबंधी जटिलताओं के कारण सरकारी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में सुगाताकुमारी का इलाज चल रहा था और सुबह उनका निधन हो गया। वह 86 वर्ष की थीं ।

सुगाताकुमारी की बेटी लक्ष्मी देवी और करीबी परिजन ने उनका अंतिम संस्कार किया। इस दौरान कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन किया गया।

केरल के पर्यटन मंत्री कदामकमपल्ली सुरेंद्रन भी पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे। पुलिसकर्मियों ने सुगाताकुमारी को बंदूकों की सलामी दी।

राज्य के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, पूर्व मुख्यमंत्री उम्मन चांडी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने सुगाताकुमारी को श्रद्धांजलि दी।

उम्र संबंधी दिक्कतों के चलते हाल के दिनों में कवयित्री सार्वजनिक रूप से कम ही दिखती थीं। सैकड़ों प्रशंसक उन्हें ‘सुगाता टीचर’ के नाम से पुकारते थे।

सुगाताकुमारी की जांच में 21 दिसंबर को संक्रमण की पुष्टि हुई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया था। हालांकि पहले उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था लेकिन संक्रमण होने के बाद सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।

अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि सुगाताकुमारी की हालत नाजुक थी और उसमें कोई परिवर्तन नहीं हो रहा था इसलिए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। कोविड-19 के प्रभाव से उन्हें निमोनिया भी हो गया था और उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके कारण दिन में 11 बजे उनका निधन हो गया।

मलयाली कवयित्री, सुगाताकुमारी को उनकी विशिष्ट काव्यशैली के लिए जाना जाता था जिनमें करुणा, मानवीय संवेदना और दार्शनिक भाव का समावेश था। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया था।

सुगाताकुमारी ने वंचित, पीड़ित, गरीब, शोषित, नशे की आदी और घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के लिए तीस साल तक ‘अभया’ नामक संगठन चलाया।

सुगाताकुमारी का जन्म 22 जनवरी 1934 को हुआ था और वह स्वतंत्रता सेनानी बोधेश्वरन और कार्तियायिनी अम्मा की दूसरी बेटी थीं। वह केरल राज्य महिला आयोग की पहली अध्यक्ष थीं और उन्हें अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया था। उन्हें 2006 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। सुगाताकुमारी का विवाह लेखक के. वेलयुधन के साथ हुआ था।

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Web Title: Poetry, social worker Sugatakumari cremated with state honor

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