मुंबई, 21 फरवरीः पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 11,3oo करोड़ रुपए के हुए घोटाले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया है। इन आरोपियों में नीरव मोदी की कंपनी का कामकाज संभालने वाले सीएफओ विपुल अंबानी भी शामिल हैं।
नीरव मोदी की कंपनियों के खिलाफ दर्ज मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें फायरस्टार इंटरनेशनल के वित्त निदेशक विपुल अंबानी, कार्यकारी सहायक और तीन कंपनियों की अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता कविता मण्किकार, फायरस्टार समूह के सीनियर कार्यपालक अधिकारी अर्जुन पाटिल और पंजाब नेशनल बैंक के जनरल मैनेजर स्तर के अधिकारी राजेश जिंदर भी शामिल हैं।
जिंदर साल 2009 से 2011 तक इस ब्रांच के प्रमुख रहे थे। सीबीआई इससे पहले पीएनबी घोटाले में बैंक के छह कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। सीबीआई ने सभी अभियुक्तों से पूछताछ की है। पंजाब नेशनल बैंक ने सीबीआई में 11300 करोड़ रुपये चूना लगाने की शिकायत दर्ज कराई है। मामले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश छोड़कर जा चुके हैं।
पीएनबी ने बैंक के 18 कर्मचारियों को जालसाजी में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया था। ये मामला जनवरी 2018 में सामने आया। पीएनबी जनवरी के आखिरी हफ्ते में सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई कि नीरव मोदी और उनसे जुड़ी कंपनियों ने बैंक को 280 करोड़ रुपये का चूना लगाया। सीबीआई ने 31 जनवरी को मामले में एफआईआर दर्ज की।