प्रधानमंत्री ने साकार की बौद्ध परिपथ की परिकल्पना : योगी
By भाषा | Published: October 20, 2021 08:33 PM2021-10-20T20:33:50+5:302021-10-20T20:33:50+5:30
कुशीनगर (उत्तर प्रदेश), 20 अक्टूबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा बुद्ध से जुड़े विभिन्न जिलों का विकास करके बौद्ध परिपथ की परिकल्पना को साकार कर दिया है।
योगी ने कुशीनगर हवाई अड्डे के उद्घाटन समारोह में कहा कि यह सौभाग्य है कि भगवान बुद्ध से जुड़े सर्वाधिक स्थल उत्तर प्रदेश में हैं। भगवान बुद्ध की राजधानी कपिलवस्तु, ज्ञानोपदेश का केंद्र सारनाथ, श्रावस्ती जहां उन्होंने चातुर्मास व्यतीत किया, कौशांबी जहां उन्होंने कथा श्रवण कराया, संकिसा और उनकी महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर, यह सब इसी प्रदेश में हैं। इन स्थलों का विकास करके प्रधानमंत्री ने बौद्ध परिपथ की परिकल्पना को साकार किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुशीनगर भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली होने के नाते पूरे विश्व के बौद्ध अनुयायियों के लिए गहरी आस्था व श्रद्धा का केंद्र है। तथागत ने जिस मैत्री व करुणा का संदेश दिया उसके लिए विश्व मानवता सदैव ऋणी है।’’
योगी ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश आजादी के बाद से लगातार उपेक्षित रहा। कुशीनगर से शुरू हो रही विकास की नई उड़ान से क्षेत्र के पांच करोड़ लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। विकास की इसी कड़ी में सड़क के साथ ही वायुमार्ग से देश-दुनिया के लिए उड़ान प्रारम्भ हो रहा है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में हवाई यात्रा संपर्क के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। कुशीनगर का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही पश्चिमोत्तर बिहार और पड़ोसी देश नेपाल के लोगों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होगा। इससे पर्यटन के साथ ही रोजगार और निवेश की संभावनाएं भी सशक्त होंगी।
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोकार्पण समारोह में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ऐलान किया कि आगामी 26 नवंबर से दिल्ली-कुशीनगर के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी। यह उड़ान सप्ताह में चार बार उपलब्ध होगी। इसके साथ ही 18 दिसंबर से मुंबई के लिए भी यहां से उड़ानें शुरू हो जाएगी। कोलकाता के लिए भी सीधी उड़ान होगी। इस तरह कुशीनगर देश की राजनीतिक राजधानी और आर्थिक राजधानी से सीधे जुड़ जाएगा।
सिंधिया ने बताया कि आने वाले समय मे उत्तर प्रदेश में 17 नए हवाई अड्डे बनेंगे। उन्होंने कहा कि 70 साल में देश मे 74 हवाई अड्डे थे जबकि पिछले सात साल में 54 नए हवाई अड्डों के निर्माण के साथ ही यह संख्या 128 हो गई है। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश के आठ प्रमुख बौद्ध स्थलों को जोड़ने और देश-दुनिया के बौद्ध अनुयायियों की आध्यात्मिक उद्देश्य पूर्ति का माध्यम बनने जा रहा है।
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश का तीसरा सक्रिय और सबसे लंबे रनवे वाला हवाई अड्डा है। इसके रनवे की लंबाई 3200 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर है। 260 करोड़ रुपये की लागत से 589 एकड़ क्षेत्र में बने इस हवाई अड्डे के एप्रन पर एक साथ चार बड़े हवाई जहाज खड़े किए जा सकते हैं। इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुविधा हो गई है। इससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि का अनुमान है।
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