पीएम सुरक्षा चूक मामले में पंजाब सीएम ने तत्कालीन DGP व दो अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया
By भाषा | Published: March 21, 2023 07:50 AM2023-03-21T07:50:41+5:302023-03-21T08:12:07+5:30
जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने राज्य के कई अधिकारियों को दोषी ठहराया था।
चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य की यात्रा के दौरान सुरक्षा में सेंध के मामले में सोमवार को पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस चट्टोपाध्याय और दो अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया।
सेवानिवृत्त हो चुके चट्टोपाध्याय और तत्कालीन डीआईजी और एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी
सेवानिवृत्त हो चुके चट्टोपाध्याय के अलावा फिरोजपुर रेंज के तत्कालीन पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) इंदरबीर सिंह और फिरोजपुर के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरमनदीप सिंह हंस के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इन अधिकारियों को अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा जाएगा।
तत्कालीन एडीजीपी, एडीजीपी साइबर क्राइम, आईजीपी पटियाला रेंज व अन्य से भी स्पष्टीकरण मांगा गया
सोमवार को गृह विभाग की ओर से कार्मिक विभाग को जारी पत्र के अनुसार, मान ने यह भी फैसला किया कि तत्कालीन एडीजीपी (कानून व्यवस्था) नरेश अरोड़ा, तत्कालीन एडीजीपी साइबर क्राइम जी नागेश्वर राव के साथ ही मुखविंदर सिंह चीना (तत्कालीन आईजीपी पटियाला रेंज) व अन्य अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा जाए। उनसे पूछा जाएगा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिश के अनुसार उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 12 जनवरी को उल्लंघन की जांच के लिए समिति गठित की थी
जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने राज्य के कई अधिकारियों को दोषी ठहराया था। पांच जनवरी 2022 को, फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग बाधित किए जाने के कारण प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर फंस गया था। उसके बाद वह रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौट गए। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 12 जनवरी को उल्लंघन की जांच के लिए समिति गठित की थी।