CAA पर बोले पीएम, कहा- संविधान की दुहाई देकर अलोकतांत्रिक गतिविधियां हुईं, प्रदर्शन के नाम पर पूरे देश में हिंसा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 6, 2020 18:25 IST2020-02-06T18:25:06+5:302020-02-06T18:25:06+5:30

अगर हम बदलाव की बात करते हैं, तो कभी कहा जाता है कि बार-बार बदलाव क्यों? हमारे महापुरुषों ने इतना महान संविधान दिया, उसमें भी उन्होंने सुधार की व्यवस्था रखी है। हर व्यवस्था में सुधार का हमेशा स्वागत होना चाहिए।

PM said on CAA, said - undemocratic activities were done by calling for constitution, chaos in the name of demonstration | CAA पर बोले पीएम, कहा- संविधान की दुहाई देकर अलोकतांत्रिक गतिविधियां हुईं, प्रदर्शन के नाम पर पूरे देश में हिंसा

अराजकता फैलाई गई, जो हिंसा हुई, उसी को आंदोलन का अधिकार मान लिया गया।

Highlightsपीएम मोदी ने कहा कि आज छोटे स्थानों पर डिजिटल ट्रांजेक्शन सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है।आधुनिक इंस्ट्रक्चर के निर्माण में भी टियर-2, टियर-3 शहर आगे बढ़ रहे हैं।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की दुहाई देकर अलोकतांत्रिक गतिविधियां की गईं। प्रदर्शन के नाम पर अराजकता फैलाई गई।

अगर हम बदलाव की बात करते हैं, तो कभी कहा जाता है कि बार-बार बदलाव क्यों? हमारे महापुरुषों ने इतना महान संविधान दिया, उसमें भी उन्होंने सुधार की व्यवस्था रखी है। हर व्यवस्था में सुधार का हमेशा स्वागत होना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि आज छोटे स्थानों पर डिजिटल ट्रांजेक्शन सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है और आधुनिक इंस्ट्रक्चर के निर्माण में भी टियर-2, टियर-3 शहर आगे बढ़ रहे हैं। आज रेलवे, हाइवे की पूरी श्रंखला है।

सदन में CAA पर चर्चा हुई है। यहां बार-बार ये बताने की कोशिश की गई कि अनेक हिस्सों में प्रदर्शन के नाम पर अराजकता फैलाई गई, जो हिंसा हुई, उसी को आंदोलन का अधिकार मान लिया गया। विपक्ष पर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों को उकसाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान बचाने के नाम पर दिल्ली और देश में क्या हो रहा है, वह पूरा देश देख रहा है और देश की चुप्पी कभी न कभी रंग लायेगी।

प्रधानमंत्री ने चेताया कि संसद, राज्य विधानसभाओं के फैसलों के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों, आगजनी से ‘अराजकता’ आ सकती है और सभी को इससे चिंतित होने की जरूरत है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कांग्रेस की पिछले 70 साल की राजनीति को लेकर उस पर हमला किया और कहा कि इस राजनीति के कारण कोई भी कांग्रेसी नेता ‘‘आत्मनिर्भर’’ नहीं हो पाया।

उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर हो रहे प्रदर्शनों से देश ने देख लिया कि ‘‘दल के लिए कौन है और देश के लिए कौन है।’’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीएए से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला। मोदी ने सीएए को लेकर विपक्ष पर ‘‘काल्पनिक भय’’ पैदा करने का आरोप लगाया और उनके रूख को पाकिस्तान के रूख से जोड़ते हुए कहा कि ऐसी ही भाषा पाकिस्तान बोलता है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इसमें सफल नहीं हो सका, और यह आश्चर्यजनक है कि जिन लोगों को जनता से सत्ता से बाहर कर दिया, वे ऐसी चीजें कर रहे हैं । संशोधित नागरिकता कानून पारित कर संविधान का उल्लंघन करने के विपक्ष के आरोपों की ओर इंगित करते हुए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को देश में आपातकाल लागू करने, चुनी हुई कई राज्य सरकारों को गिराने जैसी विभिन्न घटनाओं का हवाला दिया और कहा, ‘‘ संविधान बचाने की बात कांग्रेस को दिन में 100 बार बोलनी चाहिए, ये तो उनका मंत्र होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए जितनी बार आप संविधान बोलोगे, कुछ चीजें आपको अपनी गलतियों का एहसास करा देंगी ।’’ संशोधित नागरिकता कानून के संदर्भ में मोदी ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उद्धृत करते हुए कहा ‘इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि जो प्रभावित लोग भारत में बसने के लिए आये हैं, ये नागरिकता मिलने के अधिकारी हैं और अगर इसके लिए कानून अनुकूल नहीं हैं तो कानून में बदलाव किया जाना चाहिए।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं, उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या पंडित नेहरू हिन्दू-मुस्लिम भेद करते थे ? क्या पंडित नेहरू हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते थे ? ’’

लोकसभा में करीब 100 मिनट के अपने जवाब में मोदी ने कश्मीर, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों की समस्या के समाधान सहित विविध मुद्दों को रेखांकित किया । उन्होंने विपक्षी नेताओं पर चुटकी भी ली और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘‘बहुत सी ट्यूबलाइट....ऐसे ही होते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ न्यायपालिका को किसने रौंदा? संविधान में सबसे अधिक संशोधन कौन लाया है? किसने अनुच्छेद 356 को सबसे अधिक लागू किया? जिन लोगों ने उपरोक्त कार्य किये हैं, उन्हें हमारे संविधान का गहन ज्ञान प्राप्त करने की आवश्यकता है ?’’

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने संबंधी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के बयानों के लिए उन्हें आड़े हाथ लेते हुए मोदी ने कहा ‘‘ कश्मीर भारत का मुकुटमणि है। कश्मीर की पहचान सूफी परंपरा और सर्व पंथ समभाव की है । कश्मीर की पहचान बम, बंदूक और अलगाववाद की बना दी गई थी।’’ उन्होंने कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘‘ 19 जनवरी 1990 की उस काली रात में कुछ लोगों ने कश्मीर की पहचान को दफना दिया था।’’

सीएए को लेकर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संविधान बचाने के नाम पर दिल्ली और देश में क्या हो रहा है, वह पूरा देश देख रहा है और देश की चुप्पी कभी न कभी रंग लायेगी।’ गौरतलब है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने सरकार पर ध्रुवीकरण के जरिए देश को बांटने का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि सीएए और एनआरसी की उसकी ‘साजिश’ को विफल करने और संविधान को बचाने के लिये लोग सड़कों पर निकल आए हैं।

विपक्ष ने दावा किया कि सीएए के मुददे की वजह से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल हुई है। कुछ विपक्षी दलों ने सरकार पर देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया था । चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं पूरी जिम्मेदारी से देश की 130 करोड़ जनता को कहना चाहता हूं कि सीएए का हिन्दुस्तान के किसी नागरिक पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा । चाहे वह हिन्दू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या ईसाई हो, चाहे कोई और हो।’

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत के अल्पसंख्यकों को इससे कोई नुकसान नहीं हो सकता है। जिन लोगों को देश की जनता ने नकार दिया है, जिन्हें घर भेज दिया, वे ऐसी बात कर रहे हैं जो कोई सोच भी नहीं सकता। ’’ मोदी ने तत्कालीन कांग्रेस नेता भूपेंद्र कुमार दत्त और पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री जोगेंद्र दास मंडल का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हें भी वहां अत्याचारों के बाद पाकिस्तान से अंतत: भारत लौटना पड़ा और उन्होंने अंतिम सांस देश की धरती पर ली।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने पूछा कि क्या कांग्रेस को 1984 के दिल्ली के सिख विरोधी दंगे याद नहीं, क्या वो अल्पसंख्यक नहीं थे? सिखों के गले में टायर बांध कर जला दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इतना ही नहीं, उन दंगों के आरोपियों को जेल तक नहीं भेजा अपितु जिन पर दंगों को भड़काने के आरोप लगे हैं, उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ कांग्रेस और उसके जैसे दलों ने जिस दिन भारत को भारत की नजर से देखना शुरु किया, उस दिन उन्हें अपनी गलती का अहसास होगा ।’’ प्रधानमंत्री ने चेताया कि संसद, राज्य विधानसभाओं के फैसलों के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों से ‘अराजकता’ आ सकती है।

उन्होंने पूछा कि क्या होगा अगर लोगों ने राजस्थान विधानसभा के निर्णय को स्वीकार करने से मना कर दिया और धरने एवं तोड़फोड़ का मार्ग अपना लिया । उन्होंने मध्यप्रदेश के संदर्भ में भी ऐसा ही सवाल किया। गौरतलब है कि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। उन्होंने पूछा कि क्या देश ऐसे चलेगा । यह रास्ता अराजकता है और इससे आपको (विपक्ष को) भी समस्याएं होंगी। मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले जो कुछ भी हुआ, ‘‘राजनीति के तराजू से तौलकर और आधे-अधूरे मन से किया गया’’ जबकि उनकी सरकार ने चुनौतियों को चुनौती देते हुए समस्याओं का समाधान निकालने के लिये दीर्घकालिक नीति के तहत काम किया जिससें अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी तथा वित्तीय घाटा एवं महंगाई स्थिर रही ।

उन्होंने कहा, ‘‘ कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता रहा है। कभी कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदतें भी देश ने देखी हैं। चुनौतियों को चुनने का सामर्थ्य नहीं हो, ऐसे लोगों को भी देखा है ।’’ उन्होंने कहा कि लेकिन आज दुनिया की भारत से जो अपेक्षा है, ‘‘हम अगर चुनौतियों को चुनौती नहीं देते, अगर हम हिम्मत नहीं दिखाते और अगर हम सबको साथ लेकर चलने की गति नहीं दिखाते तो हमें लंबे अरसे तक समस्याओं से जूझना होता ।’’

मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ हम भी आप लोगों के रास्ते पर चलते, तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता। आपके तौर तरीके से चलते तो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती ।’’

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर प्रहार जारी रखते हुए कहा कि अगर वह उनकी सोच के साथ चलते तो राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती, करतारपुर साहिब गलियारा कभी नहीं बन पाता और भारत-बांग्लादेश विवाद कभी नहीं सुलझता । प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ अर्थव्यवस्था को गति मिले, इसके लिए भी हमने कई महत्वपूर्ण निर्णय किए है। जनवरी 2019 से जनवरी 2020 के बीच 6 बार जीएसटी राजस्व 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) अप्रैल-सितंबर 2018 में 22 अरब डॉलर था और अगले साल उसी अवधि में यह 26 अरब डॉलर को पार कर गया है । मोदी ने कहा, ‘‘ इससे साबित होता है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था एवं यहां अवसरों में भरोसा है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी दृष्टि वृहद निवेश, बेहतर आधारभूत ढांचा, ज्यादा मूल्यवर्द्धन एवं ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन पर है। मोदी ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ कल जो विवेकानंद के नाम पर कहा गया..., जैसी मन की रचना होती है वैसे ही दिखाई देता है। ।’’ 

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