पीएम मोदी हुए भावुक, कहा-वे लोग जो चले गए...
By एसके गुप्ता | Published: January 16, 2021 03:07 PM2021-01-16T15:07:50+5:302021-01-16T16:52:41+5:30
संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री उस वक्त भावुक हो गए जब उन्होंने कोरोना संक्रमण काल के दौरान लोगों को हुई तकलीफों, अपने प्रियजनों को खोने और यहां तक कि उनके अंतिम संस्कार तक में शामिल ना हो पाने के दर्द का जिक्र किया।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को उस समय भावुक हो गए जब अपने संबोधन में उन्होंने उन लोगों को याद किया जिनकी इस महामारी की वजह से जान चली गई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोराेना काल के उस वक्त को याद करके सिहरन होती है, दुख होता है। भारत की वैक्सीन ऐसी तकनीक पर बनाई गई है जो भारत में ट्राइड और टेस्टेड है। ये वैक्सीन स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक भारतीय स्थितियों और परिस्थितियों के अनुकूल हैं। यही वैक्सीन भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी।
उन्होंने कहा कि 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी। भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी। भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए।
30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था। कोरोना कर्फ्यू ने देश के लोगों को तैयार किया। लॉकडाउन के जरिए कोरोना को फैलने से रोका गया। भारत की इच्छाशक्ति और साहस प्रेरणा बनी। सफाई कर्मचारियों ने अपना जीवन दांव पर लगा दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र सिर्फ मिट्टी, पानी, कंकड़, पत्थर से नहीं बनता, बल्कि राष्ट्र का मतलब होता है हमारे लोग। संकट कितना भी बड़ा क्यों न हो, देशवासियों ने कभी आत्मविश्वास नहीं खोया। जब भारत में कोरोना पहुंचा तब देश में कोरोना टेस्टिंग की एक ही लैब थी, हमने अपने सामर्थ्य पर विश्वास रखा और आज 2,300 से ज्यादा नेटवर्क हमारे पास है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है। हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है। इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है।
कोरोना के खिलाफ इस महाभियान को लेकर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। वहीं इस काम पर नजर रखने के साथ टीकाकरण से संबंधित किसी भी जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक कॉल सेंटर-1075 भी बनाया गया है।