पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत के विकास के लिए दें कर, कर उत्पीड़न बीते दिन की बात हुई

By भाषा | Published: February 13, 2020 01:12 AM2020-02-13T01:12:22+5:302020-02-13T01:12:22+5:30

प्रधानमंत्री ने कहा, अब तक भारत में प्रक्रिया केंद्रित कर प्रणाली की प्रमुखता थी लेकिन अब यह नागरिक केंद्रित है। उन्होंने कहा कि बजट में कर दरों में बड़े सुधार देखे गए। मोदी ने कहा, जब बहुत सारे लोग कर नहीं देते, कर नहीं देने के तरीके खोज लेते हैं, तो इसका भार उन लोगों पर पड़ता है, जो ईमानदारी से कर चुकाते हैं।

PM Narendra Modi says give tax for development of India, tax harassment is a thing of past | पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत के विकास के लिए दें कर, कर उत्पीड़न बीते दिन की बात हुई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)

Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि जहां एक ओर पूववर्ती सरकारें देश की कर प्रणाली को छूने में संकोच करती थीं, वहीं मौजूदा भाजपा नीत सरकार इसे नागरिक केंद्रित बना रही है। उन्होंने जनता का आह्वान किया कि वह भारत के विकास में अपने हिस्से का कर जरूर दे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि जहां एक ओर पूववर्ती सरकारें देश की कर प्रणाली को छूने में संकोच करती थीं, वहीं मौजूदा भाजपा नीत सरकार इसे नागरिक केंद्रित बना रही है। उन्होंने जनता का आह्वान किया कि वह भारत के विकास में अपने हिस्से का कर जरूर दे। ‘टाइम्स नाउ सम्मिट’ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्रीय बजट से पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य आसान नहीं है लेकिन यह लेकिन ऐसा भी नहीं कि जिसे प्राप्त ही नहीं किया जा सके। भारत को तीन हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 70 साल लगे लेकिन किसी ने इस बारे में सवाल नहीं किया। यह बेहतर है कि कठिन लक्ष्य निर्धारित किया जाए और पाने के लिए कड़ी मेहनत की जाए, बजाय कि दिशाहीन रहा जाए।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने मात्र आठ महीन में सौ फैसले लिए। उन्होंने इस संबंध में दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए उठाए गए कदम, संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रवाधानों को निरस्त करना, एक बार में तीन तलाक पर रोक, कॉरपोरेट कर में कमी, राम मंदिर न्यास का गठन और संशोधित नागरिकता कानून का उल्लेख किया और रेखांकित किया कि भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह नमूना है, असली काम यहां से शुरू होता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इन कदमों के बावजूद यह सच है कि भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था के सामने बहुत चुनौतियां भी हैं। यह पहली बार हुआ है जब सरकार ने छोटे शहरों और कस्बों के आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया। पहली बार किसी सरकार ने छोटे शहरों और कस्बों के सपनों को महत्व दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत अब समय बर्बाद नहीं करेगा, वह गति और भरोसे के साथ आगे बढ़ेगा।’’ अपने संबोधन में मोदी ने इस बात पर भी चिंता जताई की कुछ लोग कर चोरी के रास्ते तलाश लेते हैं और ईमानदार करदाता को इसकी सजा मिलती है।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी सरकारें कर प्रणाली को छूने में संकोच करती थीं। हम इसे नागरिक केंद्रित बना रहे हैं... भारत उन कुछ देशों में से एक है जिसका पारदर्शी करदाता चार्टर है और जिसमें साफ तौर पर करदाताओं के अधिकारों का उल्लेख है। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कर उत्पीड़न हमारे देश में बीते दिनों की बात है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, अब तक भारत में प्रक्रिया केंद्रित कर प्रणाली की प्रमुखता थी लेकिन अब यह नागरिक केंद्रित है। उन्होंने कहा कि बजट में कर दरों में बड़े सुधार देखे गए। मोदी ने कहा, जब बहुत सारे लोग कर नहीं देते, कर नहीं देने के तरीके खोज लेते हैं, तो इसका भार उन लोगों पर पड़ता है, जो ईमानदारी से कर चुकाते हैं।

उन्होंने कहा कि यह अविश्वसनीय है लेकिन सच है कि देश में केवल 2,200 लोगों ने अपनी सालाना आय एक करोड़ रुपये से अधिक घोषित की है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में देश में 1.5 करोड़ से ज्यादा कारों की ब्रिकी हुई है। तीन करोड़ से ज्यादा भारतीय कारोबार के काम से या घूमने के लिए विदेश गए हैं। लेकिन स्थिति यह है कि 130 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले हमारे देश में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग ही आयकर देते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना कर अधिकारियों का आमना-सामना किए कर आकलन प्रणाली लागू की गई, जिसका मतलब है कि कर का आकलन करने वाले को यह पता नहीं होगा कि वह किस करदाता के कर आकलन कर रहा है और करदाता को भी नहीं पता चलेगा कि कौन सा अधिकारी उसका मामला देख रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे किसी तरह का खेल करने की आशंका खत्म हो जाती है। मोदी ने कहा कि वह सभी देशवासियों से आग्रह करेंगे कि देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वालों को याद करते हुए इस बारे में संकल्प लें और प्रण लें कि ईमानदारी से जो कर बनता है, वह देंगे ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी नागरिक जो कर दे सकते हैं उन्हें ईमानदारी से उन लोगों के कल्याण के लिए कर देना चाहिए जिन्होंने उन्हें इस काबिल बनाया है। मोदी ने कहा कि एक नागरिक के तौर पर देश हमसे जिन कर्तव्यों को निभाने की अपेक्षा करता है, वो जब पूरे होते हैं, तो देश को भी नयी ताकत और नयी ऊर्जा मिलती है। यही नयी ऊर्जा, नयी ताकत, भारत को इस दशक में भी नयी ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार को जो कर मिलता है उसका इस्तेमाल वह जन कल्याणकारी योजनाओं और देश की अवसंरचना को सुधारने में करती है। प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया से भी नये भारत में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया और कहा कि स्वच्छ भारत और एकल इस्तेमाल वाली प्लास्टिक के प्रति जागरूकता अभियान चलाने की तर्ज पर मीडिया को देश की चुनौतियों और जरूरतों के प्रति भी लगातार जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अगर आप सरकार की आलोचना करना चाहते हैं, हमारी योजनाओं की खामियों को रेखांकित करना चाहते हैं तो खुलकर करिए, व्यक्तिगत रूप से यह मेरे लिए अहम प्रतिपुष्टि (फीडबैक) है लेकिन देश के लोगों को भी लगातार जागरूक रखें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह दशक भारत के स्टार्टअप का होगा। यह दशक भारत के वैश्विक नेता बनने का होगा... यह दशक भारत के जल इस्तेमाल में सक्षम और पर्याप्त जल होने का होगा। यह दशक भारत के छोटे शहरों, हमारे गांवों का होगा। यह दशक 130 करोड़ भारतीयों के सपनों का होगा।

Web Title: PM Narendra Modi says give tax for development of India, tax harassment is a thing of past

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