डेढ़ घंटे तक बिना रूके लोकसभा में कांग्रेस पर हमलावर हुए पीएम मोदी, जानें किन-किन मुद्दों पर विपक्ष को घेरा

By पल्लवी कुमारी | Updated: February 7, 2019 19:49 IST2019-02-07T18:29:01+5:302019-02-07T19:49:26+5:30

संसद लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, मोदी की आलोचना कीजिए, सरकार की नीतियों की आलोचना कीजिए, लेकिन आलोचना करते-करते देश की बुराई की जाती है।

PM Narendra Modi in Lok Sabha Remarks on congress says wish for competition in elections | डेढ़ घंटे तक बिना रूके लोकसभा में कांग्रेस पर हमलावर हुए पीएम मोदी, जानें किन-किन मुद्दों पर विपक्ष को घेरा

डेढ़ घंटे तक बिना रूके लोकसभा में कांग्रेस पर हमलावर हुए पीएम मोदी, जानें किन-किन मुद्दों पर विपक्ष को घेरा

Highlightsपीएम मोदी ने कहा, हमारी सरकार ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए है। पीएम मोदी ने कहा, चुनौतियों को चुनौती देना देश का स्वभाव होता है, जो चुनौतियों से भागते हैं वह नई चुनौतियों को जन्म देते हैं।

वर्तमान लोकसभा के अंतिम सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में ‘‘सूरज को नहीं डूबने दूंगा’’ की पंक्ति वाली एक कविता सुनायी जिसका राजनीतिक विश्लेषक विभिन्न अर्थ निकाल सकते हैं। मोदी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों का लेखाजोखा पेश किया तथा विपक्ष के तमाम आरोपों का विस्तार से जवाब दिया। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने हिंदी के मशहूर कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की एक कविता का अंश पढ़ा। इसका शीर्षक है ‘‘सूरज को नहीं डूबने दूंगा।’’ 

उन्होंने कविता के इस अंश को पढ़ा, ‘‘सूरज जायेगा भी तो कहां, उसे यहीं रहना होगा। यहीं हमारी सांसों में, हमारी रगों में, हमारे संकल्पों में, हमारे रतजगों में। तुम उदास मत होओ, अब मैं किसी भी सूरज को नहीं डूबने दूंगा।’’ 

इससे पूर्व चर्चा में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा अपने संबोधन में कर्नाटक के समाज सुधारक वासवन्ना की एक कविता का जिक्र किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने उस कविता के कुछ और अंश भी पढ़े। 

उन्होंने कविता के संवेदनात्मक पहलू का उल्लेख करते हुये कहा ‘‘जब कभी झूठ की बस्ती में सच को तड़पते देखा है, तब मैंने अपने अंदर किसी बच्चे को सिसकते देखा है। अपने घर की चार दीवारी में अब लिहाफ में भी सिहरन होती है, जिस दिन से किसी को गुरबत में सड़कों पर ठिठुरते देखा है।’’

पीएम मोदी ने कहा, हमारी सरकार ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए है। पीएम मोदी ने कहा, चुनौतियों को चुनौती देना देश का स्वभाव होता है, जो चुनौतियों से भागते हैं वह नई चुनौतियों को जन्म देते हैं। पीएम मोदी ने कहा, अपनी विफलता के लिए ईवीएम का रोना रोया जा रहा है, आप इतने डरे क्यों हैं? हम जनसभा में भी सच बोलते हैं और लोकसभा में भी सच बोलते हैं, लेकिन आपको (विपक्ष) सच सुनने की आदत नहीं रह गई है।  


पीएम मोदी ने कहा, 'लोकसभा में कई मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई है। आने वाले चुनावों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए सभी को शुभकामनाएं देता हूं।' पीएम मोदी ने कहा, उल्टा चोर चौकीदार को डांटे। मुझे हमेशा बस बुरा-भला सुनने के लिए बोला जाता है। देश को आपतकाल सौंपा कांग्रेस ने। कहानियां गढ़ती है कांग्रेस। हर वो काम जो देश को नुकसान पहुंचाती है वो कांग्रेस करती है। 

पीएम मोदी ने कहा, मोदी  की बुराई कीजिए देश की आलोचना नहीं। चुनाव आयोग के नियमों को भी विपक्ष नहीं मानती है। 



पीएम मोदी ने कहा, देश की अर्थव्यवस्था में पिछले साढ़े 4 सालों में काफी उछाल आया है। पीएम मोदी ने कहा,  कुछ लोगों के लिए BC और AD की अपनी परिभाषा है। उनके लिए BC का मतलब Before Congress और AD का मतलब After Dynasty है। 

-पीएम मोदी ने कहा, आप 2004 और 2009 का (कांग्रेस) घोषणापत्र देखे लें  सभी घोषणापत्रों में आपने वादा किया है कि 3 साल के भीतर हर घर में बिजली होगी। मैं इस पर चकित हूं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। 


-पीएम मोदी ने कहा, ''आज खड़गे जी ने कहा कि मोदी जी जो बाहर बोलते हैं, वही राष्ट्रपति ने यहां कहा। इसका तात्पर्य है कि आप मानते हैं की आप बाहर कुछ और अंदर कुछ बोलते हैं और हम हमेशा सच बोलते हैं वो संसद हो या कोई जनसभा।''

-पीएम मोदी ने कहा- जो ये कहते हैं कि ये अमीरों की सरकार है, तो मैं कहता हूं कि देश के गरीब ही मेरे अमीर हैं। गरीब ही मेरा ईमान हैं, वही मेरी जिंदगी हैं, मैं देश के लिए ही जीता हूं। उन्हीं के लिए यहां आया हूं।


- पीएम मोदी ने कहा, 'जो लोग भाग गए हैं, वह सुबह उठकर ट्विटर पर रो रहे हैं कि हम 9000 करोड़ लेकर भागे थे, हमारी 13000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त हो गई है। आपने (कांग्रेस) लोगों को लूटने दिया, हमने उसके खिलाफ कानून बनाया।'

- पीएम मोदी ने कहा, भीमराव अम्बेडकर कहा करते थे कि कांग्रेस में शामिल होना आत्महत्या के समान है। ये मैं नहीं कह रहा ये बाबा साहेब का कहना था।  


-पीएम मोदी ने कहा, इतिहास गवाह है कि कांग्रेस पार्टी और इनकी यूपीए सरकार का कालखंड रक्षा सौदों में दलाली के बिना काम करता ही नहीं था।

-पीएम मोदी ने कहा,  कांग्रेस चाहती नहीं चाहती है कि देश की वायुसेना मजबूत हो। राफेल सौदा रद्द कराने के लिए कांग्रेस किस कंपनी की भलाई चाहती है।  

-पीएम मोदी ने कहा, 55 साल सत्ता भोगकर कुछ लोग अपने आपको शहंशाह मानते है। हर किसी को अपने से निकृष्ट मानते हैं, सबको अपमानित करना उनका स्वाभाव बन गया है। 


-पीएम मोदी ने कहा, महात्मा गांधी बहुत पहले समझ गए थे और उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को बिखेर देना चाहिए। इसीलिए मैं ये काम कर रहा हूं, क्योंकि कांग्रेस मुक्त भारत मेरा नहीं महात्मा गांधी का सपना था। 

-- पीएम मोदी ने कहा, 55 साल सत्ता भोगकर कुछ लोग अपने आपको शहंशाह मानते हैं। हर किसी को अपने से निकृष्ट मानते हैं, सबको अपमानित करना उनका स्वाभाव बन गया है।

-  पीएम मोदी ने कहा, हमारी सरकार देश के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और भलाई के लिए काम कर रही है। हार्ट स्टेंट, घुटने की सर्जरी और दवाओं की कीमतें लगातार कम हो रही हैं, जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति की मदद हो रही है। 

- पीएम मोदी ने कहा, संगठित क्षेत्र केवल 10 फीसदी रोजगार देता है, असंगठित क्षेत्र 90 फीसदी रोजगार देता है। 


-पीएम मोदी ने कहा, होटल का उद्योग काफी तेजी से बढ़ा हैं, क्या इससे लोगों को रोजगार नहीं मिलता है।

-पीएम मोदी ने कहा, एक अनुमान के मुताबिक पिछले 4 साल में एक करोड़ 25 लाख रोजगार केवल ट्रांसपॉर्ट सेक्टर में उत्पन्न हुए। 

- पीएम मोदी ने कहा, संविधान संशोधन करके हमने गरीब युवाओं को, उनके सपने साकार करने के लिए एक सुविधा दी है। एससी/ एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग की व्यवस्था को बिना हाथ लगाए, गरीबों को 10% आरक्षण दिया है। 

-पीएम मोदी ने कहा, हम भी कर्ज माफ कर सकते थे, लेकिन हमने किसानों की मदद के लिए योजनाओं का पूरा किया। 

-पीएम मोदी ने कहा- छह लाख करोड़ का कर्ज था, कांग्रेस ने 52,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया। कांग्रेस ने कर्जमाफी का चक्र बना दिया।

- मोदी ने जैसे ही अपना भाषण खत्म किया मोदी-मोदी के नारों से गूंजा पूरा संसद। 

- सूरज आएगा भी तो कहां, उसे यहीं रहने होगा, हम एक सूरज को भी डूबने नहीं देंगे- पीएम मोदी ने इस कविता के साथ लोकसभा में अपना भाषण खत्म किया। 

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