'ईज ऑफ लिविंग' को बढ़ाने की जरूरत, कोशिश हो कि लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में सरकार से जूझना नहीं पड़े: पीएम मोदी
By भाषा | Published: October 31, 2019 06:01 PM2019-10-31T18:01:45+5:302019-10-31T18:04:38+5:30
पीएम मोदी ने गुजरात के केवडिया में युवा आईएएस अधिकारियों से कहा कि नौकरशाही में किसी भी नियुक्ति को सजा के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि उसे एक अवसर की तरह लेना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को युवा आईएएस अधिकारियों से देश के लिए साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया और कहा कि अलग-अलग काम करने तथा वरिष्ठता क्रम से काम करने मात्र से व्यवस्था को मदद नहीं मिलेगी।
उन्होंने 2024-25 तक भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान भी किया। पीएम ने साथ ही कहा, 'हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम देशवासियों की ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाए। हमें आगे बढ़कर काम करना होगा। हमें इस बात सुनिश्चित करना होगा कि सामान्य मानवी को रजमर्रा की जिंदगी में सरकार से जूझना नहीं पड़े।'
पीएम मोदी गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित केवडिया में नौकरशाहों के लिए आयोजित पाठ्यक्रम ‘आरंभ’ के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा, 'ये पाठ्यक्रम आरंभ राष्ट्र केंद्रित और भविष्य केंद्रित है। यह प्रशासन में आमूलचूल बदलाव की शुरुआत करेगा, जिससे लोग एकाकी रहकर काम करना बंद कर देंगे।'
प्रधानमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ‘पीएमओ इंडिया’ से किए गए ट्वीट के मुताबिक मोदी ने कहा, 'इसकी जगह लोगों को साथ मिलकर और व्यापक रूप से काम करना चाहिए।'
मोदी ने कहा कि नौकरशाही में किसी भी नियुक्ति को सजा के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि उसे एक अवसर की तरह लेना चाहिए। उन्होंने कहा, 'एकाकीपन और वरिष्ठताक्रम से हमारी व्यवस्था को कोई मदद नहीं मिलेगी। हम जो भी हैं, हम जहां भी हैं, हमें साथ मिलकर राष्ट्र के लिए काम करना चाहिए।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आइए चीजों को देखने का नजरिया बदलें। यहां तक कि शब्दावली में एक बदलाव से भी मदद मिलती है। पहले लोग पिछड़े जिले कहते थे। आज हम आकांक्षी जिले कहते हैं। किसी भी नियुक्ति को सजा क्यों होना चाहिए? उसे एक अवसर के रूप में क्यों नहीं देखना चाहिए।'
इस अवसर पर मोदी ने लोकसेवा के विकास में स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा, 'भारतीय लोक सेवा (जिसे अब भारतीय प्रशासनिक सेवा कहा जाता है) सरदार पटेल की अत्यंत आभारी है। आइए, हम सभी को यहां से, जहां ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ स्थित है, देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा और शक्ति लें।'
मोदी ने कहा, 'आइए, भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम करें।' मोदी यहां सरदार पटेल की 144वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि देने आए थे।