न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में शुक्रवार को हुई गोलीबारी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खेद जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न से कहा कि भारत आतंकवाद एवं ऐसे हिंसक कृत्यों को समर्थन देने वालों की कड़ी निंदा करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूजीलैंड के अपने समकक्ष को पत्र लिखकर क्राइस्टचर्च हमले में हुई निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना प्रकट की। न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों में गोलीबारी में 49 मरे और 20 लोग घायल हो गए हैं।
इस घटना के बाद अधिकारियों ने एक व्यक्ति पर आरोप लगाया है और तीन अन्य को हिरासत में ले लिया गया। एक विस्फोटक का समय रहते पता लगा लिया गया। ऐसा लग रहा है कि इस नस्लीय हमले की योजना बहुत सावधानीपूर्वक तैयार की गई थी।
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने घटना को असाधारण और अभूतपूर्व बताया
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने इसे ‘‘हिंसा की एक असाधारण और अभूतपूर्व घटना’’ बताते हुये स्वीकार किया कि इसमें प्रभावित लोग या तो प्रवासी हैं या फिर शरणार्थी हैं। मृतकों की संख्या बताते हुये उन्होंने कहा कि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही करार दिया जा सकता है। हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस घटना में और हमलावर शामिल हो सकते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के स्तर को दूसरे सर्वोच्च स्तर तक ले जाया गया है।
पुलिस ने गोलीबारी के बाद तीन पुरूषों और एक महिला को हिरासत में ले लिया। इनमें से एक व्यक्ति पर बाद में हत्याओं का आरोप लगाया गया। इस घटना से देश की 50 लाख की आबादी में शोक की लहर है।
अधिकारियों ने यह तो स्पष्ट नहीं किया कि किसको हिरासत में लिया गया है पर यह कहा कि इनमें से कोई भी व्यक्ति निगरानी सूची में नहीं है। एक व्यक्ति जिसने गोलीबारी की जिम्मेदारी ली है उसने शरणार्थी विरोधी 74 पृष्ठों का एक दस्तावेज छोड़ा है जिसमें उसने व्याख्या करते हुये कहा है कि वह कौन है और इस हमले की वजह क्या है। उसने कहा कि वह एक 28 साल का श्वेत आस्ट्रेलियाई है और नस्लवादी है। आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने पुष्टि की है कि हिरासत में लिए गए चार लोगों में से एक आस्ट्रेलिया में जन्मा नागरिक है।(पीटीआई इनपुट के साथ)