अनुच्छेद 370 की वकालत करने वालों से पीएम मोदी का सवाल "जरूरी था तो इसे स्थाई क्यों नहीं बनाया?"
By नितिन अग्रवाल | Updated: August 15, 2019 19:54 IST2019-08-15T19:54:41+5:302019-08-15T19:54:41+5:30
मोदी ने अनुच्छेद 370 के बारे में कहा कि पिछले 70 साल से चली आ रही व्यवस्था ने अलगाववाद को बल दिया, आतंकवाद को जन्म दिया, परिवारवाद को पोसा और भ्रष्टाचार की नीव को मजबूती देने का काम किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Image Source: Twitter/@PIB_India)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 की वकालत कर रहे कांग्रेस नेताओं पर जोरदार पलटवार किया. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए कहा कि अगर यह इतना महत्वपूर्ण था तो उसे स्थाई क्यों नहीं किया, अस्थाई क्यों बनाए रखा? उन्होंने कहा कि मेरे लिए देश का भविष्य ही सबकुछ है, राजनीतिक भविष्य मायने नहीं रखाता.
उन्होंने कांग्रेस को आइना दिखाते हुए कहा कि आप जानते थे कि जो हुआ वह सही नहीं था लेकिन कुछ नहीं किया. इसे सही करने का आपका इरादा नहीं था. सुधार करने की हिम्मत नहीं थी. क्योंकि ऐसा करने से आपके
राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान लग रहे थे. लेकिन मेरे लिए देश का भविष्य ही सबकुछ है रजानीतिक भविष्य कुछ नहीं होता.
उन्होंने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देश की एकता के लिए महत्वपूर्ण फैसले किए जिसमें अनुच्छेद 370 की वजह से कुछ रुकावटें आईं. लेकिन आज देश का हर हिंदुस्तानी कहता है एक राष्ट्र एक संविधान.
उन्होंने कहा कि दस सप्ताह के भीतर ही अनुच्छेद 370 और 35 का हटना सरदार बल्लभ भाई पटेल के सपनों को साकार करने की दिशा में अहम कदम है.
मोदी ने कहा कि हर सरकार ने पिछले 70 सालों में कुछ न कुछ प्रसास किया लेकिन इच्छित परिणाम नहीं मिले इसलिए नए सिरे से सोचने और कदम बढ़ाने की आवश्यकता थी.
मोदी ने अनुच्छेद 370 के बारे में कहा कि पिछले 70 साल से चली आ रही व्यवस्था ने अलगाववाद को बल दिया, आतंकवाद को जन्म दिया, परिवारवाद को पोसा और भ्रष्टाचार की नीव को मजबूती देने का काम किया.
मोदी ने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के सपनों को नए पंख लगें और उनकी सभी आशा, आकांक्षाएं पूरी हों.
मोदी ने एक देश एक कर वाले जीएसटी, वन नेशन वन ग्रिड, वन नेशन वन मोबिलिटी कार्ड और का हवाला देते हुए कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार करने के लिए एक देश, एक चुनाव पर भी चर्चा होनी चाहिए. इसपर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा होनी चाहिए.