बाल गंगाधर तिलक और शहीद चन्द्रशेखर आजाद की जयंती पर पीएम मोदी, अमित शाह ने कुछ इस अंदाज में उनको किया याद
By रामदीप मिश्रा | Published: July 23, 2020 09:56 AM2020-07-23T09:56:25+5:302020-07-23T09:56:25+5:30
अमित शाह ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को लेकर कहा कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी ने अपने विचारों से स्वाधीनता के लिए संघर्ष कर रहे भारत को नयी दिशा प्रदान की।
नई दिल्लीः भारत के इतिहास के दो वीर सपूत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और शहीद चन्द्रशेखर आजाद की आज जयंती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें याद किया है। बता दें, बाल गंगाधर तिलक का 23 जुलाई 1856 में हुआ था और चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 में हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'भारत मां के दो वीर सपूत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन।'
भारत मां के दो वीर सपूत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन।
— Narendra Modi (@narendramodi) July 23, 2020
वहीं, अमित शाह ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को लेकर कहा, 'लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी ने अपने विचारों से स्वाधीनता के लिए संघर्ष कर रहे भारत को नयी दिशा प्रदान की। उन्होंने "स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा" का नारा देकर भारत के जन-जन को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा, जो धीरे-धीरे पूरे भारत की सोच बन गया।'
उन्होंने आगे कहा, 'लोकमान्य तिलक जी ने स्वदेशी का उपयोग, शिक्षा और स्वराज जैसे महत्वपूर्ण विषयों को आधार बनाया। उनका आदर्शपूर्ण जीवन, संघर्ष और देशप्रेम आज भी सभी भारतीयों के मन में राष्ट्रवाद की भावना जागृत करता है। ऐसे स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन।'
लोकमान्य तिलक जी ने स्वदेशी का उपयोग, शिक्षा और स्वराज जैसे महत्वपूर्ण विषयों को आधार बनाया। उनका आदर्शपूर्ण जीवन, संघर्ष और देशप्रेम आज भी सभी भारतीयों के मन में राष्ट्रवाद की भावना जागृत करता है। ऐसे स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन
— Amit Shah (@AmitShah) July 23, 2020
अमित शाह ने चन्द्रशेखर आजाद को याद करते हुए लिखा, 'महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी का नाम बहादुरी, राष्ट्रभक्ति और बलिदान का पर्याय है। उनके हृदय में देश व मातृभूमि के लिए इतना प्रेम था कि उन्होंने बहुत छोटी उम्र से ही अंग्रेज़ों के विरुद्ध लोहा लेना शुरू किया और फिर अपना सम्पूर्ण जीवन देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया।'
चंद्रशेखर आजाद जी से अंग्रेजी हुकूमत थर-थर काँपती थी, उन्होंने कहा था कि "मैं आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा" और वो सच में अपनी अंतिम सांसों तक आज़ाद रहे। उनके राष्ट्रप्रेम ने देश के लाखों युवाओं के हृदय में स्वाधीनता की लौ जलाई।
— Amit Shah (@AmitShah) July 23, 2020
ऐसे अमर बलिदानी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन।
उन्होंने आगे लिखा, 'चंद्रशेखर आजाद जी से अंग्रेजी हुकूमत थर-थर कांपती थी, उन्होंने कहा था कि "मैं आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा" और वो सच में अपनी अंतिम सांसों तक आज़ाद रहे। उनके राष्ट्रप्रेम ने देश के लाखों युवाओं के हृदय में स्वाधीनता की लौ जलाई। ऐसे अमर बलिदानी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन।'