भुज में बोले पीएम मोदी- देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए साजिशें की गईं
By शिवेंद्र राय | Published: August 28, 2022 04:37 PM2022-08-28T16:37:15+5:302022-08-28T16:38:58+5:30
प्रधानमंत्री ने आज 2001 में गुजरात में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए लोगों की याद में बनाए गए भुज स्मृति वन मेमोरियल का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गुजरात पर एक के बाद एक संकट आ रहे थे, प्राकृतिक आपदा से गुजरात निपट ही रहा था कि साजिशों का दौर शुरु हो गया। देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए, यहां निवेश को रोकने के लिए एक के बाद एक साजिशें की गईं।
भुज: गुजरात यात्रा के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुज में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भुज स्मृति वन मेमोरियल का भी उद्घाटन किया जिसे 2001 में गुजरात में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए लोगों की याद में बनाया गया है।
इस दौरान 2001 में भुज में आए भूकंप को याद करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "26 जनवरी का वो दिन जब कच्छ में भूकंप जब आया था, तब मैं दिल्ली में था। कुछ ही घंटों में मैं दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचा और दूसरे दिन मैं कच्छ पहुंच गया। तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था। मैं भाजपा का एक साधारण कार्यकर्ता था। मुझे नहीं पता था कि मैं कैसे और कितने लोगों की मदद कर पाऊंगा, लेकिन मैंने तय किया कि मैं इस दुख की घड़ी में आप सभी के बीच में रहूंगा। जो भी संभव होगा मैं आपके दुख में हाथ बंटाने का प्रयास करूंगा। आज मन बहुत सारी भावनाओं से भरा हुआ है। भुजियो डूंगर में स्मृति वन मेमोरियल और अंजार में वीर बालक स्मारक का लोकार्पण कच्छ की,गुजरात की पूरे देश की साझी वेदना का प्रतीक है। इनके निर्माण में सिर्फ पसीना ही नहीं बल्कि कितने ही परिवारों के आंसुओं ने भी इसके ईट पत्थरों को सींचा है।"
26 जनवरी का वो दिन जब कच्छ में भूकंप जब आया था, तब मैं दिल्ली में था।
— BJP (@BJP4India) August 28, 2022
कुछ ही घंटों में मैं दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचा और दूसरे दिन मैं कच्छ पहुंच गया।
तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था, मैं भाजपा का एक साधारण कार्यकर्ता था।
- पीएम @narendramodipic.twitter.com/Nv78zrNd03
प्रधानमंत्री ने कहा, "एक दौर था जब गुजरात पर एक के बाद एक संकट आ रहे थे। प्राकृतिक आपदा से गुजरात निपट ही रहा था कि साजिशों का दौर शुरु हो गया। देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए, यहां निवेश को रोकने के लिए एक के बाद एक साजिशें की गईं। ऐसी स्थिति में भी एक तरफ गुजरात देश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट बनाने वाला पहला राज्य बना। इसी एक्ट की प्रेरणा से पूरे देश के लिए भी ऐसा ही कानून बना। 2001 में पूरी तरह तबाह होने के बाद से कच्छ में जो काम हुए हैं वो अकल्पनीय हैं। कच्छ में 2003 में क्रांतिगुरू श्यामजी कृष्णवर्मा यूनिवर्सिटी बनी तो वहीं 35 से भी ज्यादा नए कॉलेजों की भी स्थापना की गई है।"
एक दौर था जब गुजरात पर एक के बाद एक संकट आ रहे थे।
— BJP (@BJP4India) August 28, 2022
प्राकृतिक आपदा से गुजरात निपट ही रहा था, कि साजिशों का दौर शुरु हो गया।
देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए, यहां निवेश को रोकने के लिए एक के बाद एक साजिशें की गईं।
- पीएम @narendramodipic.twitter.com/2XzqonUlQx
कच्छ की खासियत बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कच्छ की एक विशेषता हमेशा से रही है जिसकी चर्चा मैं अक्सर करता हूं। यहां रास्ते में चलते-चलते भी कोई व्यक्ति एक सपना बो जाए तो पूरा कच्छ उसको वटवृक्ष बनाने में जुट जाता है। कच्छ के इन्हीं संस्कारों ने हर आशंका, हर आकलन को गलत सिद्ध किया। ऐसा कहने वाले बहुत थे कि अब कच्छ कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा। लेकिन आज कच्छ के लोगों ने यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल दी है।"
नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "कच्छ का विकास सबके प्रयास से सार्थक परिवर्तन का एक उत्तम उदाहरण है। कच्छ सिर्फ एक स्थान नहीं है बल्कि एक जीती-जागती भावना है। ये वो भावना है जो हमें आजादी के अमृतकाल के विराट संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाती है। आज हमारे कच्छ में क्या नहीं है। नगर निर्माण को लेकर हमारी विशेषज्ञता धौलावीरा में दिखती है। पिछले वर्ष ही धौलावीरा को वर्ल्ड हैरिटेज साइट का दर्जा दिया गया है। धौलावीरा की एक-एक ईंट हमारे पूर्वजों के कौशल उनके ज्ञान-विज्ञान को दर्शाती है।"