पीएम मोदी ने कांग्रेस पर लगाया 'अर्बन नक्सली' को सुपारी देने का आरोप, तृणमूल सांसद साकेत गोखले ने कहा, "गृह मंत्रालय अर्बन नक्सल की हकीकत बताए"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 26, 2023 03:42 PM2023-09-26T15:42:31+5:302023-09-26T15:46:41+5:30
तृणमूल सांसद साकेत गोखले ने पीएम मोदी के भाषण में कहे अर्बन नक्सल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है और उसने ऐसे संगठनों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते सोमवार को भोपाल में विपक्षी दल कांग्रेस पर परोक्ष हमला करते हुए उनके लिए कहे 'अर्बन नक्सल' और 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' को लेकर विपक्षी दलों में काफी गहमागहमी है। अब इस मामले में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दखल दिया है और तृणमूल सांसद साकेत गोखले ने पीएम मोदी के भाषण में कहे अर्बन नक्सल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है और उसने ऐसे संगठनों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार साकेत गोखले ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने एक नहीं बल्कि कई मौकों पर विपक्षी राजनीतिक दलों, कुछ पत्रकारों और गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं।
Very important (regarding "urban naxals"):
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) September 26, 2023
In Bhopal yesterday, PM Modi claimed that the Congress party was being run by "urban naxals." He's also used this term on numerous occasions for political parties, journalists, & NGOs among others.
I've asked the Special Secretary… pic.twitter.com/JplBe996jD
साकेत ने गृह मंत्रालय में आंतरिक मामलों के विशेष सचिव को लिखे पत्र में "अर्बन नक्सली' समूह का विवरण मांगा है और पूछा है कि आखिर भारत सरकार ने ऐसे समूहों की पहचान कैसे करती है और कथित अर्बन नक्सलियों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने किस तरह की आधिकारिक एसओपी अपनाई है।
इसके साथ ही गोखले ने मोदी के "टुकड़े-टुकड़े गैंग" वाले कथन पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि कुछ साल पहले गृह मंत्रालय ने उन्हें रिकॉर्ड पर बताया था कि ऐसा कुछ भी मौजूद नहीं है।
साकेत गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का बयान बेहद महत्वपूर्ण और तथ्यात्मक रूप से गलत है। उन्होंने कहा, "चूंकि पीएम मोदी ने स्वयं इस बात को कहा है। इसलिए देश को यह जानने की जरूरत है कि भारत सरकार और पीएम मोदी ने औपचारिक रूप से 'अर्बन नक्सल' की पहचान कैसे की है और पीएम मोदी की कल की गई टिप्पणियों पर भारत सरकार का आधिकारिक रिकॉर्ड क्या है?"
इसके साथ ही गोखले ने पत्र में यह भी लिखा है कि पीएम मोदी ने बेहद चौंकाने वाला आरोप लगाया और यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि खुद पीएम ने ऐसे समूह के अस्तित्व होने का संकेत दिया है।
तृणमूल नेता ने गृह मंत्रालय से यह पूछते हुए कि क्या उसने शहरी नक्सली नाम से किसी अलग श्रेणी की पहचान की है और अगर ऐसी कोई श्रेणी है तो उनसे संबंधित व्यक्तियों की गतिविधियों और उनकी पहचान के आधार गृह मंत्रालय साझा करे।
उन्होंने यह भी पूछा कि अर्बन नक्सल समूह या इसके सदस्यों पर गृह मंत्रालय या अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों ने अब तक कितने मुकदमे चलाए हैं। गोखले ने कहा, "कृपया गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक एसओपी के साथ-साथ 'अर्बन नक्सल' से संबंधित सभी राज्य सरकारों से किये गये संचार के बारे में बताया जाए।"
साकेत गोखले ने इस विषय को "संभावित संसदीय कार्य" बताते हुए जानकारी मांगी है और गृह मंत्रालय से प्रधानमंत्री मोदी के कथित आरोपों की गंभीर प्रकृति को देखते हुए उसे तत्काल और प्राथमिकता के तौर पर गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।
मालूम हो कि पीएम मोदी ने भोपाल में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक विशाल सभा 'कार्यकर्ता महाकुंभ' को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और उसे "जंग लगे लोहे" के समान बताया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के कामकाज को "शहरी नक्सलियों" ने आउटसोर्स किया है और यह संगठन नेताओं द्वारा नहीं चलाया जाता है।
उन्होंने कहा था, “कांग्रेस एक कंपनी बन गई है और वह अपनी हर नीति और योजना को आउटसोर्स कर रही है। अब वे शहरी नक्सली के साथ हैं और उन्हें सुपारी दे रहे हैं।”