CBI चीफ से बर्खास्त करने के बाद आलोक वर्मा को भेजा गया इस विभाग में, सौंपी गई ये जिम्मेदारी

By पल्लवी कुमारी | Updated: January 10, 2019 22:18 IST2019-01-10T22:18:05+5:302019-01-10T22:18:05+5:30

अधिकारियों ने बताया कि 1979 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस अधिकारी वर्मा को भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोप में पद से हटाया गया। इसके साथ ही एजेंसी के इतिहास में इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले वह सीबीआई के पहले प्रमुख बन गए हैं।

PM-Led Committee Removes Alok Verma As CBI Chief, Become DG fire services home guards | CBI चीफ से बर्खास्त करने के बाद आलोक वर्मा को भेजा गया इस विभाग में, सौंपी गई ये जिम्मेदारी

CBI चीफ से बर्खास्त करने के बाद आलोक वर्मा को भेजा गया इस विभाग में, सौंपी गई ये जिम्मेदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की मैराथन बैठक के बाद आलोक वर्मा को गुरुवार को सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया गया। खबरों के मुताबिक  सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा को फायर सर्विसेज, सिविल डिफेंस और होम गार्ड का महानिदेशक बनाया गया है। जी हां, खबरों के मुताबिक आलोक वर्मा को अब ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। हांलाकि इससे पहले खबर थी कि आलोक वर्मा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में पोस्टिंग दी जा सकती है। आलको वर्मा 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। वहीं, अतिरिक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को नए निदेशक की नियुक्ति तक सीबीआई प्रमुख का पद दिया गया है। 

बता दें कि बैठक में पीएम मोदी लोकसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी शामिल थे। अधिकारियों ने बताया कि 1979 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस अधिकारी वर्मा को भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोप में पद से हटाया गया। इसके साथ ही एजेंसी के इतिहास में इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले वह सीबीआई के पहले प्रमुख बन गए हैं।

आलोक वर्मा को हटाए जाने पर नहीं थी एक राय 

सीवीसी की रिपोर्ट में वर्मा के खिलाफ आठ आरोप लगाए गए थे। यह रिपोर्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति के समक्ष रखी गई। समिति में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के रूप में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के सीकरी भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि वर्मा को पद से हटाने का फैसला बहुमत से किया गया। खड़गे ने इस कदम का विरोध किया। 

वर्मा को विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ उनके झगड़े के मद्देनजर 23 अक्टूबर 2018 की देर रात विवादास्पद सरकारी आदेश के जरिये छुट्टी पर भेज दिया गया था। उन्होंने उच्चतम न्यायालय में सरकार के आदेश को चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को सरकारी आदेश को निरस्त कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने वर्मा को छुट्टी पर भेजने वाले आदेश को निरस्त कर दिया था, लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीवीसी जांच पूरी होने तक उनके कोई भी बड़ा नीतिगत फैसला करने पर रोक लगा दी थी। 

शीर्ष अदालत ने कहा था कि वर्मा के खिलाफ कोई भी आगे का फैसला उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति करेगी जो सीबीआई निदेशक का चयन करती है और उनकी नियुक्ति करती है।

उच्चतम न्यायालय ने विनीत नारायण मामले में सीबीआई निदेशक का न्यूनतम दो साल का कार्यकाल निर्धारित किया था ताकि किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप से उन्हें बचाया जा सके। लोकपाल अधिनियम के जरिये बाद में सीबीआई निदेशक के चयन की जिम्मेदारी चयन समिति को सौंप दी गई थी।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ) 

Web Title: PM-Led Committee Removes Alok Verma As CBI Chief, Become DG fire services home guards

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