बच्चों के लिए पीएम केयर्स : उच्चतम न्यायालय ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि मंजूरी प्रक्रिया को पूरा करें
By भाषा | Published: August 26, 2021 07:04 PM2021-08-26T19:04:51+5:302021-08-26T19:04:51+5:30
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि ‘बच्चों के लिए पीएम-केयर्स’ के तहत बच्चों के आवेदन की मंजूरी प्रक्रिया को पूरा करें ताकि कोविड-19 के कारण अपने अभिभावक या कानूनी अभिभावक को खो देने वालों को लाभ मिल सके। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को सूचना दी कि योजना के लिए इस वर्ष 21 अगस्त को अलग से पोर्टल बनाया गया है जिस पर 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश ने 2600 बच्चों का पंजीकरण किया है। इनमें से 418 आवेदनों को जिलाधिकारियों ने मंजूरी दी है। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने महामारी के दौरान अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों को सहायता देने पर जोर दिया। पीठ ने कहा कि इस तरह के नाबालिग बच्चों की शिक्षा वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में बिना किसी बाधा के जारी रहनी चाहिए। पीठ ने कहा, ‘‘वर्तमान में हम जिलाधिकारियों को निर्देश देते हैं कि पीएम-केयर्स कोष के लाभ के लिए जिनके नामों को पंजीकृत किया गया है उनकी मंजूरी की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।’’ इसने कहा कि योजना के लिए पंजीकृत 2600 बच्चों में से जरूरत पड़ने पर उनके शुल्क एवं अन्य खर्च को केंद्र सरकार उठाए। इसने कहा, ‘‘वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए ऐसे छात्रों के शुल्क माफ करने की खातिर राज्य सरकार निजी स्कूलों से वार्ता करेगी। अगर स्कूल शुल्क माफ नहीं करना चाहते हैं तो राज्य सरकार यह शुल्क भरेगी।’’ पीठ ने कहा कि जिन बच्चों के नाम पीएम-केयर्स योजना में पंजीकृत हैं और अगर वे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं तो वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए राज्य उनके शुल्क एवं अन्य खर्च उठाने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह कर सकते हैं। पीठ ने एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सालिसीटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्य भाटी से ‘बच्चों के लिए पीएम-केयर्स’ योजना के तौर-तरीकों के बारे में पूछा।
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