महिलाओं के खतना को लेकर जनहित याचिका, SC ने केरल और तेलंगाना को बनाया पक्षकार
By भाषा | Updated: April 21, 2018 04:18 IST2018-04-21T04:18:01+5:302018-04-21T04:18:01+5:30
पीठ ने आदेश दिया कि केरल और तेलंगाना जैसे राज्यों को मामले में पक्षकार बनाया जाए और उन्हें नोटिस भी जारी किया। मामले में जो राज्य पहले से पक्षकार हैं उनमें महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली शामिल हैं।

महिलाओं के खतना को लेकर जनहित याचिका, SC ने केरल और तेलंगाना को बनाया पक्षकार
नई दिल्ली, 21 अप्रैलः उच्चतम न्यायालय ने दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय की नाबालिग लड़कियों के खतना की प्रथा को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका में केरल और तेलंगाना को पक्षकार बनाने का शुक्रवार को आदेश दिया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की एक पीठ ने कहा कि वह याचिका पर अंतिम सुनवायी नौ जुलाई को करेगी।
पीठ ने आदेश दिया कि केरल और तेलंगाना जैसे राज्यों को मामले में पक्षकार बनाया जाए और उन्हें नोटिस भी जारी किया। मामले में जो राज्य पहले से पक्षकार हैं उनमें महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली शामिल हैं। अदालत आठ मई को दिल्ली की वकील सुनीता तिवारी की ओर से उठाये गए मुद्दों पर गौर करने पर सहमत हुई थी।
अदालत ने महिला एवं बाल विकास सहित चार मंत्रालयों के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था जहां दाऊदी बोहरा समुदाय के लोग मुख्य रूप से रहते हैं। दाऊदी बोहरा शिया मुस्लिम होते हैं।
तिवारी ने अपनी अर्जी में केंद्र और राज्यों को निर्देश देने की मांग की थी कि वे पूरे देश में महिलाओं के खतना की अमानवीय प्रथा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगायें।
अर्जी में खतना को एक अपराध बनाने के लिए निर्देश की मांग की गई थी जिस पर कानून प्रवर्तन एजेंसियां स्वयं से संज्ञान ले सकें। अर्जी में अपराध को 'गैर जमानती और ऐसा अपराध बनाने की मांग की गई थी जिसमें कोई समझौता नहीं हो सके' जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान हो। अर्जी में कानून और न्याय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालयों को भी अर्जी में पक्षकार बनाया गया है।