बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर पर हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप, दिल्ली हाई कोर्ट में PIL दायर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 22, 2019 08:51 IST2019-05-22T08:51:02+5:302019-05-22T08:51:02+5:30

पीआईएल में कहा गया है कि चंद्रशेखर के पास 'लैंड रोवर' गाड़ी है। हालांकि, अपने हलफनामे में उन्होंने इस बारे में कोई सूचना नहीं दी है। साथ ही कुछ और जानकारी छुपाने के भी आरोप हैं।

pil in delhi high court on rajeev chandrasekhar for not disclosing full information in election affidavit | बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर पर हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप, दिल्ली हाई कोर्ट में PIL दायर

राजीव चंद्रशेखर (फाइल फोटो)

Highlightsपीआईएल में चुनाव आयोग की जिम्मेदारी को लेकर मांगा गया है स्पष्टीकरणराजीव चंद्रशेखर पर राज्य सभा चुनाव के दौरान हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप

राज्य सभा सांसद और पेशे से बिजनेसमैन बीजेपी के राजीव चंद्रशेखर के कथित तौर पर हलफनामे में गलत जानकारी देने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसे जनहित याचिका के तौर पर दायर किया गया है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि राजीव चंद्रशेखर ने मार्च-2018 में राज्य सभा चुनाव लड़ने के दौरान अपने चुनावी हलफनामे में पूरी जानकारी नहीं दी है। इस याचिका को रंजीत थॉमस की ओर से दायर की गई है। रंजीत बेंगलुरू में सॉफ्टवेयर पेशेवर हैं।

इस पीआईएल में कहा गया है कि चंद्रशेखर के पास 'लैंड रोवर' गाड़ी है। हालांकि, अपने हलफनामे में उन्होंने इस बारे में कोई सूचना नहीं दी है। साथ ही इस याचिका में कहा गया है कि चंद्रशेखर ने अपनी पत्नी के वेक्टरा कंसलटेंसी सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड में शेयरहोल्डर होने की भी जानकारी नहीं दी गई है। आरोपों के अनुसार कंपनी में 6,34,360 शेयर में 6,34,160 चंद्रशेखर के और 100 उनकी पत्नी अंजू चंद्रशेखर के नाम हैं। इसके अलावा 100 और शेयर वली चंद्रशेखर के नाम हैं।

इसके अलावा यह आरोप भी लगाया गया है कि उन्होंने उन दो घरों का ब्यौरा भी नहीं दिया है जिसका मालिकाना हक उनके पास है। ये घर बेंगलुरू के पॉश इलाके कोरमंगला, थर्ड ब्लॉक के करीब हैं। इस याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयोग आर्टिकल 324 के तहत अपने संवौधानिक शक्ति का प्रयोग करते हुए इस मामले की जांच करे। नियमों के अनुसार हलफनामे में गलत जानकारी देने के लिए 6 महीने की जेल या फिर जुर्माना या फिर दोनों ही हो सकते हैं। 

चुनाव आयोग के 2014 में जारी एक सर्कुलर के अनुसार गलत हलफनामा देने के खिलाफ शिकायत करने के लिए कोई भी व्यक्ति उस स्थानीय क्रिमिनल कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है, जहां से अमुक उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल किया है। पीआईएल में कहा गया है कि इस सर्कुलर का इस्तेमाल चुनाव आयोग अपनी उन संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने से नहीं रोक सकता जो उसे संविधान के आर्टिकल-324 के तहत मिले हैं। याचिका के अनुसार चूकी ज्यादातर लोग किसी सांसद के खिलाफ क्रिमिनल कोर्ट जाने से बचना चाहेंगे, ऐसे में चुनाव आयोग इस सर्कुलर का इस्तेमाल खुद ही ऐसे मामले का स्वत: संज्ञान लेकर जांच से बचने के लिए करता रहा है। 

इस जनहित याचिका में मांग की गई है कि इस सर्कुलर को लेकर स्पष्ट किया जाए कि चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी से दूर नहीं भागे। इस याचिका की सुनवाई 27 मई को दिल्ली हाई कोर्ट में हो सकती है।

Web Title: pil in delhi high court on rajeev chandrasekhar for not disclosing full information in election affidavit

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