NIA ने पीएफआई और गजवा-ए-हिंद मामले में फुलवारी शरीफ में की छापेमारी, जानें पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Updated: October 18, 2022 17:29 IST2022-10-18T17:28:00+5:302022-10-18T17:29:56+5:30
पिछले दिनों यह मामला सामने आने के बाद पटना सहित देश के कई हिस्सों में पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। बता दें कि इस मामले में गजवा-ए-हिन्द से जुड़े दानिश की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। वह गजवा-ए-हिंद वॉट्सऐप का एडमिन है।

NIA ने पीएफआई और गजवा-ए-हिंद मामले में फुलवारी शरीफ में की छापेमारी, जानें पूरा मामला
पटना:बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में टेरर मॉड्यूल मामले को लेकर एक बार फिर एनआईए की टीम ने छापेमारी की है। एनआईए की टीम सुबह-सुबह फुलवारी शरीफ में गजवा ए हिन्द से जुड़े मरगुब अहमद उर्फ दानिश के घर पहुंची तो हडकंप मच गया। एनआईए के साथ बड़ी संख्या में पटना पुलिस के जवान भी मौजूद थे। यह छापेमारी पीएफआई और गजवा-ए-हिंद मामले में हुई है।
पिछले दिनों यह मामला सामने आने के बाद पटना सहित देश के कई हिस्सों में पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। बता दें कि इस मामले में गजवा-ए-हिन्द से जुड़े दानिश की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। वह गजवा-ए-हिंद वॉट्सऐप का एडमिन है। दानिश सोशल मीडिया पर गजवा-ए-हिंद का कर्ता-धर्ता है। इस ग्रुप के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं।
इसी सिलसिले में मंगलवार को एनआईए ने दानिश के घर टीम ने करीब 4 घंटे तक छापेमारी की। एनआईए ने दानिश के घर से कई कागजातों, मोबाइल, लैपटॉप को जब्त किया है। टीम सीलबंद लिफाफे में इसे लेकर रवाना हुई। इस छापे के दौरान टीम ने दानिश के परिवार को दूर ही रखा। ऐसा कहा जाता है कि गजवा-ए-हिन्द से जुड़े लोगों को फुलवारी शरीफ में आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी, उनके निशाने पर पीएम मोदी थे।
तब बिहार पुलिस ने कहा था कि गिरफ्त में आये लोग एक आतंकी मॉड्यूल चला रहे थे और अल्पसंख्यक युवकों का ब्रेनवॉश करने में लगे थे। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने एनआईए ने बिहार समेत देशभर में एक साथ छापेमारी कर पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया।
वहीं देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार मरगूब दानिश के मामले को भी एनआईए की टीम खंगाल रही है। पीएफआई दफ्तर से मिले दस्तावेजों में खुलासा हुआ है कि यह संगठन भारत को अगले 25 सालों में इस्लामी राष्ट्र बनाने के मिशन पर काम कर रहा था। इसके लिए देशभर में युवाओं को सांप्रदायिक दंगे और हिंसा फैलानी की ट्रेनिंग दी जा रही थी।