Exclusive: पिछले 44 दिनों में 9.14 रुपये लुढ़का पेट्रोल का रेट, डीजल में भी आई 5.17 रुपये की गिरावट

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 19, 2018 04:40 AM2018-11-19T04:40:27+5:302018-11-19T04:40:27+5:30

आइए, आपको बताते हैं आखिर पेट्रोल-डीजल के भाव में गिरावट आई कैसे?

Petrol and Diesel price slash in last 44 days, how rates decline | Exclusive: पिछले 44 दिनों में 9.14 रुपये लुढ़का पेट्रोल का रेट, डीजल में भी आई 5.17 रुपये की गिरावट

Exclusive: पिछले 44 दिनों में 9.14 रुपये लुढ़का पेट्रोल का रेट, डीजल में भी आई 5.17 रुपये की गिरावट

आनंद शर्मा

नागपुर: महंगाई की मार से बेजार नागरिकों को शायद यह खबर राहत दे सकती है. खबर यह है कि पिछले 44 दिनों में पेट्रोल के रेट 9.14 रुपए प्रति लिटर लुढ़के हैं. डीजल में भी 5.17 रुपए की गिरावट आई है. 4 अक्तूबर 2018 को पेट्रोल 90 के आंकड़े को पार कर 91.91 रुपए प्रति लीटर के रेट पर बिका था, इसका रेट 18 नवंबर 2018 को घटकर 82.77 रुपए रह गया. कमोबेश यही स्थिति डीजल के मामले में भी देखने को मिल रही है. 4 अक्तूबर 2018 को 80.71 रुपए/लिटर की दर पर बिके डीजल के दाम 18 नवंबर 2018 को घटकर 75.54 रुपए रह गए. अब आइए, आपको बताते हैं आखिर पेट्रोल-डीजल के भाव में गिरावट आई कैसे?

पेट्रोलियम क्षेत्र के जानकारों के अनुसार अंतर्राष्टीय तेल बाजार में कच्चे तेल के दाम घटे हैं. पूर्व में 86 डॉलर प्रति बैरल के रेट पर बिकने वाले कच्चे तेल के दाम अब घटकर 68 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं. जानकार इस घटनाक्रम के पीछे अमेरिका का हाथ बता रहे हैं. उनके अनुसार अमेरिका ने 8 देशों पर ईरान से कच्चे तेल लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इन देशों में प्रमुख आयातक भारत और चायना शामिल थे. इससे पेट्रोल/डीजल के रेट काफी बढ़ गए थे. नागपुर में पेट्रोल के रेट 90 रुपए के पार चले गए थे.

अब अमेरिका द्वारा अपने कच्चे तेल की आपूर्ति अंतर्राष्टीय बाजार में बढ़ा दिए जाने और ईरान से कच्चा तेल लेने बाबत लगाई गई पाबंदी से सभी 8 देशों को कुछ हद तक राहत दे दिए जाने से कच्चे तेल का मार्केट टूट गया और रेट दिन-ब-दिन कम होते जा रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप नागपुर में पेट्रोल गत 44 दिनों में 9.14 रुपए और डीजल 5.17 रुपए प्रति लिटर सस्ता हो गया है. इससे नागपुरवासियों को कुछ हद तक राहत जरूर मिली है.

6 दिसंबर के बाद फिर बढ़ेंगे रेट!

पेट्रोलियम क्षेत्र के जानकारों के अनुसार पेट्रोलियम आयातक देशों के संगठन ‘ओपेक’ की आगामी 6 दिसंबर को महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. इस बैठक में तेल का उत्पादन कम करने को लेकर फैसला लिया जा सकता है. यदि ऐसा होता है तो कच्चे तेल के दाम अंतर्राष्टीय बाजार में फिर से बढ़ने की आशंका बनी हुई है. इससे 6 दिसंबर के बाद पेट्रोल/डीजल के रेट बढ़ सकते हैं.

डॉलर के आगे संभली रुपए की कीमत

डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत संभलने से भी पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने में मदद मिली है. पूर्व में 1 डॉलर के लिए जहां 74 रुपए से अधिक देने पड़ रहे थे, वहीं अब इसके लिए 72 रुपए के आसपास चुकाने पड़ रहे हैं.

आनंद शर्मा लोकमत समाचार के नागपुर ब्यूरो से जुड़े हुए हैं।

Web Title: Petrol and Diesel price slash in last 44 days, how rates decline

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