जम्मू-कश्मीर में मीडिया पर लगी पाबंदी हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 11, 2019 05:16 AM2019-08-11T05:16:23+5:302019-08-11T05:16:23+5:30
जम्मू-कश्मीर से प्रकाशित होने वाले एक अग्रणी अखबार की संपादक ने आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पत्रकारों के कामकाज पर लागू पाबंदी हटाने की मांग की
जम्मू-कश्मीर से प्रकाशित होने वाले एक अग्रणी अखबार की संपादक ने आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पत्रकारों के कामकाज पर लागू पाबंदी हटाने की मांग की.
अखबार 'कश्मीर टाइम्स' की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन ने याचिका दायर कर राज्य में मोबाइल इंटरनेट और टेलीफोन सेवा सहित संचार के सभी माध्यमों को बहाल किए जाने की मांग की ताकि मीडिया सही से अपना कामकाज शुरू कर पाए. संपादक ने याचिका में कश्मीर तथा जम्मू के कुछ जिलों में पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की निर्बाध आवाजाही पर लगी पाबंदी में तुरंत ढील के लिए केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिए जाने की मांग की है.
याचिका के मुताबिक, मीडियाकर्मियों को अपना काम करने देने और खबर करने के अधिकार के लिए संविधान के अनुच्छेद 14, 19(एक)(ए) और 19 (एक)(जी) तथा 21 तथा कश्मीर घाटी के बाशिंदों को जानने के अधिकार के तहत निर्देश दिए जाने की मांग की गई है. याचिका में संपादक ने कहा है कि चार अगस्त से सभी संपर्क ठप होने से कश्मीर और जम्मू के कुछ जिले संचार के सभी मुमकिन माध्यमों और सूचनाओं से पूरी तरह कटे हुए हैं. याचिका के मुताबिक, याचिकाकर्ता को पता नहीं है कि किस अधिकार और शक्ति के तहत आदेश जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि संचार माध्यम कटने और पत्रकारों की आवाजाही पर सख्त पाबंदी की वजह से एक तरह से रोक लग गई और मीडिया के प्रकाशन प्रसारण पर असर पड़ा है.
6 अगस्त से नहीं छपा कश्मीर संस्करण संपादक ने याचिका में कहा है कि संचार सेवाओं पर पूरी तरह तरह पाबंदी से छह अगस्त से अखबार का कश्मीर संस्करण नहीं छपा है. इससे मीडिया के कामकाज पर एक तरह से पाबंदी लग गई है.