लुटियन्स दिल्ली में जब्त संपत्ति के मामले में क्षतिपूर्ति के लिए उच्च न्यायालय में याचिका

By भाषा | Updated: January 5, 2021 23:07 IST2021-01-05T23:07:08+5:302021-01-05T23:07:08+5:30

Petition to High Court for compensation in the case of property seized in Lutyens Delhi | लुटियन्स दिल्ली में जब्त संपत्ति के मामले में क्षतिपूर्ति के लिए उच्च न्यायालय में याचिका

लुटियन्स दिल्ली में जब्त संपत्ति के मामले में क्षतिपूर्ति के लिए उच्च न्यायालय में याचिका

नयी दिल्ली, पांच जनवरी लुटियन्स दिल्ली में एक संपत्ति के 21 साल तक कथित अवैध उपयोग की वजह से क्षतिपूर्ति के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मुकदमा दाखिल किया गया है।

ये मुकदमा 94 वर्षीय महिला वीरा सरीन के बच्चों ने दाखिल किया है जिन्होंने हाल ही में उच्चतम न्यायालय से यह अनुरोध किया था कि 1975 में तत्कालीन सरकार द्वारा लगाये गये राष्ट्रीय आपातकाल को असंवैधानिक घोषित किया जाए।

मुकदमे में केंद्र सरकार से यहां कस्तूरबा गांधी मार्ग पर अंसल भवन में एक संपत्ति के मई 1999 से जुलाई 2020 तक अवैध इस्तेमाल और उस पर कब्जे के संबंध में बाजार के किराये को लेकर हुए नुकसान, बकाया रखरखाव शुल्क और लंबित संपत्ति कर के रूप में क्रमश: 2.20 करोड़ रुपये, 9.89 लाख रुपये तथा 43.5 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की गयी है।

वादियों राजीव, दीपक और राधिका सरीन ने वकील सिद्धांत कुमार के माध्यम से संपदा निदेशालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय तथा तस्कर और विदेशी मुद्रा छलसाधक (सम्पत्ति समपहरण) अधिनियम (साफेमा) के तहत सक्षम प्राधिकार के खिलाफ केजी मार्ग की संपत्ति के संबंध में मामला दायर किया था।

केंद्र सरकार के अधिकारियों ने इस संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया था।

वादियों ने कहा कि वे संपत्ति के मालिक हैं जिस पर अधिकारियों ने 1998 में साफेमा के तहत नियंत्रण कर लिया था और इसे संपदा निदेशालय को किराये पर दे दिया गया। संपत्ति पर कब्जे के परिणामस्वरूप संपदा निदेशालय ने एक मई, 1999 से वादियों को किराये का भुगतान करना बंद कर दिया।

उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2014 में संपत्ति पर सरकार के कब्जे को रद्द कर दिया लेकिन सरीन परिवार के अनेक प्रयासों के बावजूद अधिकारी उन्हें संपत्ति नहीं लौटा रहे थे।

उच्च न्यायालय के जून 2020 के आदेश के अनुरूप सरीन को जुलाई 2020 में संपत्ति पर कब्जा मिला।

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Web Title: Petition to High Court for compensation in the case of property seized in Lutyens Delhi

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