हिंदुओं को अल्पसंख्यकों के समान शैक्षणिक संस्थानों के संचालन का अधिकार देने के लिए याचिका

By भाषा | Updated: September 25, 2021 22:44 IST2021-09-25T22:44:31+5:302021-09-25T22:44:31+5:30

Petition to give right to run educational institutions to Hindus at par with minorities | हिंदुओं को अल्पसंख्यकों के समान शैक्षणिक संस्थानों के संचालन का अधिकार देने के लिए याचिका

हिंदुओं को अल्पसंख्यकों के समान शैक्षणिक संस्थानों के संचालन का अधिकार देने के लिए याचिका

नयी दिल्ली, 25 सितंबर उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर केंद्र को यह घोषित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान संचालित करने के दिए गए मौलिक अधिकार संविधान के तहत बहुसंख्यक समुदाय को भी उपलब्ध कराए जाएं।

संविधान का अनुच्छेद 29 और 30 अल्पसंख्यकों को उनकी ‘‘विशिष्ट भाषा, लिपि या संस्कृति’’ की रक्षा करने के अधिकारों से संबंधित है और उन्हें धर्म या भाषा के आधार पर, उनकी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और संचालन का अधिकार प्रदान करता है।

वकील और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी जनहित याचिका में गृह मंत्रालय, शिक्षा, कानून और न्याय तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों को प्रतिवादी बनाया है और अनुच्छेद 29 (लिपि, संस्कृति आदि के संरक्षण का अधिकार) के तहत अल्पसंख्यकों को प्रदत्त मौलिक अधिकारों को ‘‘सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध’’ होने की घोषणा करके उन्हें समान शिक्षा संहिता पेश करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।

वकील अश्विनी दुबे के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया है, ‘‘निर्देश दें और घोषित करें कि हिंदुओं को...मुस्लिम, ईसाई और पारसी की तरह अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण के समान अधिकार हैं, और राज्य इस अधिकार को कम नहीं कर सकता है।’’

याचिका में केंद्र को यह घोषित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि बहुसंख्यक समुदाय के पास ‘‘मुस्लिम, पारसी, ईसाई की तरह अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना, संचालन के समान अधिकार हैं और राज्य इसे कम नहीं कर सकता।’’

संविधान के अनुच्छेद 30 में कहा गया है कि ‘‘सभी अल्पसंख्यक, चाहे धर्म या भाषा पर आधारित हों, उन्हें अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और संचालन का अधिकार होगा।’’ यह प्रावधान यह भी कहता है - ‘‘राज्य, शैक्षणिक संस्थानों को सहायता देने में किसी भी शैक्षणिक संस्थान के खिलाफ इस आधार पर भेदभाव नहीं करेगा कि वह अल्पसंख्यक के प्रबंधन में है, चाहे वह धर्म या भाषा पर आधारित हो।’’

याचिका में कहा गया है कि संविधान में अनुच्छेद 29-30 को धार्मिक विभाजन के बाद के प्रभावों और हालात को ध्यान में रखते हुए लाया गया था। याचिका में जाति, नस्ल, भाषा, लिंग और धर्म के आधार पर भेदभाव के खिलाफ समानता और संरक्षण जैसे अधिकारों को ध्यान में रखते हुए बहुसंख्यक समुदाय के लिए समान मौलिक अधिकारों के विस्तार का आग्रह किया गया है।

इसमें कहा गया है, ‘‘चूंकि सभी नागरिकों को अपनी भाषा लिपि और संस्कृति के संरक्षण का अधिकार है और अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना, उनके संचालन का अधिकार है और केवल अल्पसंख्यकों को यह अधिकार देना धर्मनिरपेक्षता के उद्देश्य को नकार देगा।’’

याचिका में कहा गया है, ‘‘इसलिए, केंद्र अनुच्छेद 14, 15, 16, 19, 21ए और प्रस्तावना के साथ अनुच्छेद 29-30 के सामंजस्यपूर्ण निर्माण में एक समान शिक्षा संहिता पेश करने के लिए बाध्य है।

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Web Title: Petition to give right to run educational institutions to Hindus at par with minorities

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