मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता को रासुका के तहत हिरासत में लेने के खिलाफ न्यायालय में याचिका
By भाषा | Updated: June 28, 2021 19:42 IST2021-06-28T19:42:28+5:302021-06-28T19:42:28+5:30

मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता को रासुका के तहत हिरासत में लेने के खिलाफ न्यायालय में याचिका
नयी दिल्ली, 28 जून मणिपुर के एक राजनीतिक कार्यकर्ता को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत ऐहतियातन हिरासत में लिये जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसे कथित रूप से कोविड-19 के इलाज में गाय के गोबर और गोमूत्र की वकालत करने वाले भाजपा नेताओं की आलोचना करने के लिये यह सजा दी गई है।
राजनीतिक कार्यकर्ता लीकोम्बम एरेन्द्रो के पिता की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि उनके बेटे ने 13 मई को फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी कि गाय का गोबर और गोमूत्र कोरोना वायरस का इलाज नहीं है।
याचिका में कहा गया है कि “भाजपा के कई नेताओं ने गोमूत्र और गोबर के जरिये कोविड-19 से बचाव और इलाज के बारे में अवैज्ञानिक रुख अपनाया और गलत सूचनाएं फैलाईं। मणिपुर भाजपा के अध्यक्ष की कोविड-19 के कारण मृत्यु के संदर्भ में आलोचना के रूप में यह टिप्पणी की गई थी।''
याचिका में कहा गया है 13 मई को पोस्ट किए जाने के तुरंत बाद ही इसे हटा दिया गया था।
अधिवक्ता शादान फरासत के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस आलोचना के लिए एरेन्द्रो ने अपने खिलाफ शुरू किए गए आपराधिक मामलों के अनुसार हिरासत में कुछ दिन बिताए हैं और उसके पश्चात जमानत मिलने के बाद निवारक नजरबंदी में हैं।
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