पीएमजीकेवाई के तहत जनधन खाता की शर्त के खिलाफ याचिका : केंद्र से विचार करने को कहा गया
By भाषा | Updated: February 2, 2021 14:06 IST2021-02-02T14:06:46+5:302021-02-02T14:06:46+5:30

पीएमजीकेवाई के तहत जनधन खाता की शर्त के खिलाफ याचिका : केंद्र से विचार करने को कहा गया
नयी दिल्ली, दो फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से उस जनहित याचिका को आवेदन के तौर पर स्वीकार करने का निर्देश दिया, जिसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत अनुदान को लेकर गरीबों की पहचान के लिए जनधन खाता होने को एकमात्र योग्यता के तौर पर नहीं देखने का अनुरोध किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने वित्त मंत्रालय या संबंधित प्राधिकार से याचिका को आवेदन की तरह मानने और जल्द से जल्द इस पर फैसला करने को कहा है।
इन निर्देशों के साथ अदालत ने दिल्ली निवासी आकाश गोयल की याचिका का निपटारा कर दिया।
गोयल ने दलील दी थी कि पीएमजीकेवाई के तहत 500 रुपये अनुदान पाने के लिए प्रधानमंत्री जनधन योजना खाता होने की शर्त से कई लोग योजना के लाभ से वंचित रह गए।
गोयल की ओर से पेश अधिवक्ता अजित शर्मा ने पीठ से कहा कि पीएमजेकेवाई अच्छी योजना है, लेकिन आर्थिक रूप से पिछड़े हुए जिन लोगों के पास जनधन खाता नहीं है, उन्हें इससे बाहर रखा गया है।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा, ‘‘कल्याणकारी योजनाओं को लेकर गरीब व्यक्तियों की पहचान के लिए पीएमजेडीवाई का इस्तेमाल करने की बात कही गयी है। इसलिए 2014 में इस योजना की घोषणा के समय जिन लोगों के पहले से खाते थे वे पीएमजेडीवाई खाता खोलने के लिए अयोग्य हैं।’’
याचिका में कहा गया, ‘‘इस वजह से 2020 में वित्त मंत्री की घोषणा के समय, कई गरीब महिलाएं नकदी हस्तांतरण समेत कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रह गयीं क्योंकि यह रकम उन्हीं महिलाओं के खाते में स्थानांतरित की जाने वाली थी जिनके पास पीएमजेडीवाई का सक्रिय खाता है।’’
गोयल ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि चूंकि सरकार गरीबों या जरूरतमंदों के खाते में सीधे राशि का हस्तांतरण करती है इसलिए पीएमजेडीवाई खाता खोलने या इसमें बदलने की जरूरत है।
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