फर्जी टीकाकरण शिविर आयोजित करने वाला व्यक्ति विकृत मानसिकता से पीड़ित : पुलिस आयुक्त
By भाषा | Published: June 25, 2021 06:59 PM2021-06-25T18:59:34+5:302021-06-25T18:59:34+5:30
कोलकाता, 25 जून कोलकाता के पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा ने शुक्रवार को कहा कि आईएएस अधिकारी होने का दावा कर रहे एक व्यक्ति द्वारा फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर का आयोजन करना एक "विकृत मस्तिष्क" का कार्य है। 28 वर्षीय देबंजन देव पर आरोप है कि उसने कई फर्जी टीकाकरण शिविरों का आयोजन किया, जहां करीब दो हजार लोगों को कोविड-19 टीके की खुराक दी गयी। उसे इस सप्ताह गिरफ्तार कर लिया गया।
मित्रा ने संवाददाताओं से कहा, " देबंजन ने जो किया, वह बेहद अमानवीय था। ऐसा कार्य कोई विकृत मानसिकता वाला व्यक्ति ही कर सकता है।" पुलिस आयुक्त ने कोलकाता में एक कोविड-19 टीकाकरण केन्द्र का उद्घाटन करने के बाद कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। पुलिस ने बुधवार को देबंजन को गिरफ्तार कर लिया, जिसने आईएएस अधिकारी होने का दावा करते हुए कस्बा क्षेत्र में एक कोविड-19 टीकाकरण शिविर का आयोजन किया था। इस शिविर में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती ने भी टीके की खुराक ली थी।
चक्रवर्ती को टीकाकरण की प्रक्रिया पर उस समय शक हुआ जब उन्हें एसएमएस नहीं आया, जो आम तौर पर टीके की खुराक लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के मोबाइल फोन पर आता है। इसके बाद चक्रवर्ती ने इसकी शिकायत पुलिस में की। पुलिस ने टीकाकरण शिविर से एंटीबायोटिक टीके एमीकेसिन की कई शीशियां बरामद कीं।
पुलिस देबंजन के राजनीतिक संबंधों की भी जांच कर रही है। संभवत: उसने अपने राजनीतिक संपर्कों की मदद से ही टीकाकरण शिविर का आयोजन किया। देबंजन खुद को कोलकाता महानगर पालिका में संयुक्त आयुक्त के पद पर कार्यरत बताया करता था। वह अपनी कार पर राज्य सरकार के प्रतीक चिह्न का भी इस्तेमाल करता था। उसने कोलकाता महानगर पालिका के कई अधिकारियों के नाम पर कई फर्जी खाते भी खोले हुए थे।
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