"कोर्ट पर लोगों का भरोसा तभी होगा, जब वे जजों में अपनी छवि देखेंगे", चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 23, 2023 07:31 AM2023-08-23T07:31:53+5:302023-08-23T07:37:52+5:30
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बार फिर कॉलेजियम का समर्थन करते हुए कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति में इसका मुख्य उद्देश्य देश की विविधता सर्वोच्च अदालत में लागू हो, यह सुनिश्चित करना है।
नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने एक बार फिर कॉलेजियम के समर्थन में अपने रूख को मजबूती से रखते हुए कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का मुख्य उद्देश्य उस विविधता को सुनिश्चित करना है, जिससे सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट "जन-केंद्रित अदालत" बनी रहे।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने यह बात बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के दो नए जजों जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एसवी भट्टी के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में बोलते हुए कही।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने नवनियुक्त दोनों जजों ता उदाहरण देते हुए कहा कि जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एसवी भट्टी की नियुक्ति इस बात की पुष्टि करती है कि सुप्रीम कोर्ट सिर्फ दिल्ली या महाराष्ट्र की अदालत नहीं है।
उन्होंने कहा, “यह देश की सर्वोच्च अदालत है। इसलिए यहां पर हमारा एक ही उद्देश्य है कि हम इस बात को सुनिश्चित करने का प्रयास करें कि यह पूरे भारत की विविधता का समावेशी प्रतिरूप प्रदर्शित कर सके और यह कॉलेजियम के मुख्य उदेश्यों में से एक है। कॉलेजियम के जरिये हम इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कि सुप्रीम कोर्ट में भारत की समृद्धि और विविधता का प्रतिनिधित्व हो।''
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कई लोग बहुभाषी अदालत होने के कारण सुप्रीम कोर्ट की आलोचना भी करते रहे हैं, लेकिन शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की नियुक्ति इसलिए ऐसे की जाती है, ताकि हमारे बहुभाषी से कोई भी दो न्यायाधीश एक जैसे नहीं होते। उदाहरण के तौर पर यहां पर एक ही बेंच में महाराष्ट्र के न्यायाधीश और पश्चिम बंगाल के न्यायाधीश हरियाणा के किसी मामले का निर्णय करने के लिए एक साथ बैठते हैं।”
इसके साथ मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने यह भी कहा, "जनता का विश्वास हासिल करने के लिए बेंच में विविधता होना बेहद आवश्यक है। लोग न्यायपालिका पर तभी भरोसा करना शुरू करेंगे, जब वे न्याय देने वाले लोगों में अपनी छवि देखेंगे।"
अपने भाषण के अंत में मुख्य न्यायाधीश तंद्रचूड़ ने आम आदमी के हितों के लिए बार और बेंच के बीच एकजुटता के महत्व के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “बार और कोर्ट आम नागरिकों को न्याय प्रदान करने के उद्देश्य में धर्म, भाषा, जाति, से परे उठकर एक साथ खड़े हैं। हम सभी न्याय देने के महान उद्देश्य के लिए एक साथ बंधे हैं, फिर चाहे हम बार के सदस्य हों या फिर न्यायाधीश हों।”