सोशल मीडिया पर लोग शेयर कर रहे ट्विटर पर ब्लॉक किए गए अकाउंट को चलाने का जुगाड़, नहीं जानते तो जान लीजिए
By अमित कुमार | Updated: February 1, 2021 19:00 IST2021-02-01T18:59:08+5:302021-02-01T19:00:36+5:30
किसान एकता मोर्चा, द कारवान, मानिक गोयल, Tractor Twitr और jatt junction जैसे अकाउंट्स सस्पेंड होने के बाद सोशल मीडिया पर इसे दोबारा शुरू करने के तरीके बताए जा रहे हैं।

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बीच ट्विटर ने सोमवार को कई अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है। इन अकाउंट्स के सस्पेंड किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लगातार इसकी चर्चाएं हो रही हैं। ट्विटर के रोक लगाए गए अकाउंट्स में कई मीडियाकर्मी का नाम भी शामिल है। अब ऐसे में सोशल मीडिया पर कुछ लोग इन अकाउंट्स को वापस शुरू करने का जुगाड़ बता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में बताया गया है कि आखिर कैसे सस्पेंड अकाउंट को वापस शुरू किया जा सकता है। दरअसल, इन अकाउंट्स को दोबारा देखने के लिए अकाउंट्स में जाकर कुछ बदलाव करने होंगे। सबसे पहले ट्विटर के setting and privacy में जाना होगा। इसके बाद Account information का चयन करना होगा।
Account information पर आने के बाद country में जाकर अपना लोकेशन को चेंज करते ही यह अकाउंट्स फिर से शुरू हो जाएंगे। ट्विटर ने भारतीय ट्विटर अकाउंट को बैन किया है, ऐसे में लोकेशन चेंज करने पर यह फिर से काम करने लगेगा। जिन अकाउंट पर रोक लगाई गई है उनमें किसान एकता मोर्चा(एट द रेट ऑफ किसानएकतामोर्चा) और बीकेयू एकता उग्राहन (एट द रेट ऑफ बीकेयूएकताउग्राहन) शामिल हैं। इन दोनों के हजारों फॉलोअर हैं।
इसके अलावा कई व्यक्तियों एवं संगठनों के अकाउंट रोक दिए गये हैं जिनमें एक किसी मीडिया संगठन का एकाउंट है। इस घटनाक्रम पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ट्विटर के अनुसार जब किसी एकाउंट पर रोक लगाई जाती है तो उसका मतलब है कि सोशल मीडिया मंच उचित कानूनी मांग के जवाब में पूरे अकाउंट पर रोक लगाने के लिए बाध्य है।
गणतंत्र दिवस पर यहां ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के आलोक में यह कदम उठाया गया है। इस हिंसा में एक व्यक्ति की जान चली गई थी और पुलिसकर्मियों समेत सैंकड़ों लोग घायल हुए थे। किसानों ने तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में यह परेड निकाली थी। दिल्ली पुलिस गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की जांच कर रही है। उसने कई प्राथमिकियां दर्ज की है तथा कई किसान नेताओं पर मामले दर्ज किये हैं।


