राममंदिर भूमिपूजन के बाद दर्शन के लिए उमड़े लोग, सुरक्षा घेरा हटने के बाद फिर गुलजार हुई अयोध्या
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 7, 2020 07:29 AM2020-08-07T07:29:04+5:302020-08-07T07:29:04+5:30
दुकानदारों को उम्मीद है कि राम मंदिर का कार्य ज्यों ज्यों गति पकड़ेगा, उनका कारोबार भी बढ़ता जाएगा.
त्रियुग नारायण तिवारी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर का भूमि पूजन किए जाने के एक दिन बाद त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में ढील दी गई जिसके बाद अयोध्या के मंदिरों में आम आदमी सामान्य दिनों की तरह पहुंच रहे हैं. हनुमानगढ़ी मंदिर में श्रद्धालुओं का रोज तरह दर्शन के लिए आना शुरू हो गया लेकिन संक्रमण के कारण सुरक्षित दूरी का पालन करने पुलिस की नजर भी सब पर है. ठंडी हवाओं और रिमझिम फुहारों साथ सुबह सरयू नदी में सैकड़ों लोग डुबकी लगाते नजर आए. सरयू घाट पर पूजा अर्चना में खास उत्साह नजर आया. लोग कल संपन्न हुए कार्यक्रम और सुरक्षा व्यवस्था की चर्चा करते नजर आए.
हनुमानगढ़ी के आसपास की फूल मालाओं और प्रसाद की दुकानें खुल गईं हैं. दुकानदारों को उम्मीद है कि राम मंदिर का कार्य ज्यों ज्यों गति पकड़ेगा, उनका कारोबार भी बढ़ता जाएगा. गोरखपुर के रहने वाले पीएसी कांस्टेबल श्रीराम मंदिर के निकट पुलिस पिकेट पर तैनात हैं. उन्होंने बताया कि आज गुरुवार को अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक श्रद्धालु मंदिर दर्शन करने पहुंचे. हनुमानगढ़ी मंदिर के आसपास प्रसाद की दुकानों पर आज अच्छा कारोबार हुआ. पूजन सामग्री बेचने वाले अमित कुमार ने बताया कि पांच दिन बाद दुकान खोली है. शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी थी जबकि सोमवार से बुधवार तक सुरक्षा के कारण दुकानें बंद रहीं. आज सब कुछ सामान्य है.
कारोबार बढ़ने की आशा से खुश हैं कारोबारी
राकेश मोदनवाल का देवी देवताओं की तस्वीरें बेचते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले दस दिनों से आ रहे श्रद्धालु राम लला की फोटो मांग रहे हैं. आगे और कारोबार बढ़ने को लेकर वे आशान्वित हैं. कपड़ा व्यवसायी रवि चंद्र गुप्ता, मिठाई दुकानदार राकेश कुमार भी ऐसी उम्मीद रखते हैं. एक अन्य मिठाई विक्रेता अरविंद ने बताया कि वह तीन से चार पीढि़यों से ये दुकान चला रहे हैं. भव्य राम मंदिर का निर्माण होने पर निश्चित तौर पर उनके दिन भी बहुरेंगे.
मंदिरों के सामने फलती- फूलती है गंगा जमनी तहजीब
फूल बेचने वालों में कई अल्पसंख्यक समुदाय के दुकानदार भी शामिल हैं. उनका कहना है कि यहां हिंदू- मुस्लिम जैसा कोई भेदभाव नहीं है. सभी की तरह हम भी यहां बिना किसी दिक्कत के अपनी दुकान चलाते हैं. अयोध्या के दर्जनों मंदिरों के सामने दाढ़ी बढ़ाए मुसलमान प्रसाद, पटरंगा, वस्त्र, कंठी-माला, फूल और खड़ाऊ समेत पूजा की अन्य सामग्री बेचते हैं. कोई श्रद्धालु यह नहीं सोचता कि मालाएं हिंदू ने बनाई है या मुसलमानों ने.