पेगासस सॉफ्टवेयर को क्या भारत सरकार ने भी खरीदा है? इजराइल की कंपनी ने दिया ये जवाब

By विनीत कुमार | Updated: July 19, 2021 13:10 IST2021-07-19T13:10:21+5:302021-07-19T13:10:21+5:30

पेगासस स्पाईवेयर विवाद के बीच इसे बनाने वाली कंपनी इजराइल की एनएसओ ग्रुप ने कहा है कि मीडिया में उनके ग्राहकों के तौर पर जिन देशों की लिस्ट सामने आई है, वह गलत है।

Pegasus spyware controversy Israeli NSO Group says list of countries in media report incorrect | पेगासस सॉफ्टवेयर को क्या भारत सरकार ने भी खरीदा है? इजराइल की कंपनी ने दिया ये जवाब

पेगासस स्पाईवेयर विवाद पर एनएसओ ग्रुप का आया रिएक्शन (फाइल फोटो)

Highlightsपेगासस स्पाईवेयर विवाद के बीच एनएसओ ग्रुप ने मीडिया में आए देशों की लिस्ट को गलत बतायाइस लिस्ट में भारत का भी नाम है, हालांकि कंपनी ने साफ नहीं किया क्या भारत सरकार ने भी उसका सॉफ्टवेयर खरीदा हैएनएसओ ग्रुप के अनुसार ये गोपनीयता का मामला है और वो किसी भी देश के बारे में कुछ नहीं कहना चहती है

इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर पेगासस स्पाईवेयर को लेकर भारत में जारी विवाद के बीच इसे बनाने वाली साइबर सिक्योरिटी कंपनी एनएसओ ग्रुप की प्रतिक्रिया सामने आई है। एनएसओ ग्रुप ने कहा है कि मीडिया में उनका क्लाएंट बताते गुए जो लिस्ट सामने आई है वह पूरी तरह से गलत है। इस लिस्ट में भारत का भी नाम है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार एनएसओ ने मीडिया रिपोर्ट को 'अंतरराष्ट्रीय साजिश' करार दिया है। एएनआई के अनुसार जब कंपनी से ये पूछा गया कि क्या वह भारत सरकार के साथ भी करती है, तो उसकी ओर से गोपनीयता का हवाला देते हुए इस संबंध में कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहने से इनकार कर दिया गया।

भारत को लेकर सवाल पर  एनएसओ ग्रुप का जवाब

न्यूज एजेंसी के अनुसार कंपनी से पूछा गया- क्या किसी भी तरह से भारत सरकार के साथ काम करने के लिए आपसे करार किया गया है? खास तौर पर क्या भारत सरकार या इससे जुड़े किसी और की ओर से पेगासस सॉफ्यवेयर को खरीदा गया है?

इस पर एनएसओ ग्रुप की ओर से एक प्रतिनिधि ने कहा- मैं किसी ग्राहक का नाम नहीं ले सकता। हम जिन देशों को पेगासस बेचते हैं, वो पूरी तरह से गोपनीय सूचना है। मैं किसी एक ग्राहक का नाम नहीं ले सकता लेकिन इस स्टोरी में जो लिस्ट सामने आई है, वो पूरी तरह से गलत है। इस लिस्ट में शामिल कुछ नाम हमारे कस्टमर भी नहीं हैं।

एनएसओ ग्रुप ने साथ ही दोहराया कि उसकी सेवाएं केवल सरकारों को बेची जाती हैं और इस दौरान सभी यूएन गाइडलाइन का पालन किया जाता है।

यह पूछे जाने पर कि आपको फिर सभी फोन नंबर अपने सिस्टम में कैसे मिल गए, एनएसओ ने कहा कि वो एक टेक्नोलॉजी कंपनी है और उसके पास न तो कोई नंबर है और न ही ऐसा कोई डाटा मौजूद है।

कंपनी ने आगे कहा, 'हमारी तकनीक जब किसी कस्टमर को दी जाती है तो हम ये साफ करते हैं कि हमारे पास कोई ऐसा सर्वन या कंप्यूटर नहीं है, जहां हम ऐसे डाटा स्टोर कर सकें। ऐसे डाटा हमारे क्लाएंट के पास ही रहते हैं।'

क्या है पेगासस स्पाईवेयर विवाद

दरअसल, मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों। 

हालांकि भारत सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा,‘‘ इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।’’ सरकार ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा,‘‘ भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और वह अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

पेगासस स्पाईवेयर की रिपोर्ट को भारत के न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के साथ-साथ वाशिंगटन पोस्ट, द गार्डियन और ले मोंडे सहित 16 अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों ने पेरिस के मीडिया गैर-लाभकारी संगठन फॉरबिडन स्टोरीज और राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा की गई एक जांच के लिए मीडिया पार्टनर के रूप में प्रकाशित किया है। 

यह जांच दुनिया भर से 50,000 से अधिक फोन नंबरों की लीक हुई सूची पर आधारित है और माना जाता है कि इजरायली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप के पीगैसस सॉफ्टवेयर के माध्यम से संभवतया इनकी हैकिंग की गई है।

(भाषा इनपुट)

Web Title: Pegasus spyware controversy Israeli NSO Group says list of countries in media report incorrect

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