पंचायत और निकाय चुनावों का बहिष्कार करेगी पीडीपी, प्रशासन ने तय समय पर ही चुनाव की बात कही

By भाषा | Published: September 10, 2018 10:52 PM2018-09-10T22:52:51+5:302018-09-10T22:52:51+5:30

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने चुनाव को लेकर अपने रूख पर कायम रहते हुए कहा कि चुनाव आयोजित किए जाएंगे और चुनाव आयोजित कराने का फैसला जुलाई में किया गया था। राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। 

PDP will boycott Jammu Kashmir Panchayat Elections, Administration says will conduct on schedule | पंचायत और निकाय चुनावों का बहिष्कार करेगी पीडीपी, प्रशासन ने तय समय पर ही चुनाव की बात कही

पंचायत और निकाय चुनावों का बहिष्कार करेगी पीडीपी, प्रशासन ने तय समय पर ही चुनाव की बात कही

श्रीनगर, 10 सितंबरः पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने सोमवार को घोषणा की कि वह इस महीने के आखिर में होने वाले निकाय और पंचायत चुनावों का बहिष्कार करेगी क्योंकि चुनाव कराने के लिए राज्य में सुरक्षा स्थिति अनुकूल नहीं है। वहीं भाजपा का कहना है कि चुनाव का विरोध करने वाली पार्टियां ‘जनता विरोधी’ और ‘विकास विरोधी’ है।  बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने चुनाव को लेकर अपने रूख पर कायम रहते हुए कहा कि चुनाव आयोजित किए जाएंगे और चुनाव आयोजित कराने का फैसला जुलाई में किया गया था। राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। 

राज्य के प्रधान सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने सोमवार को कहा, 'पंचायत और स्थानीय चुनाव आयोजित होंगे और इसका फैसला जुलाई में किया गया था।' उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए अधिसूचना प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर शुरू की जाएगी। ज्यपाल एस पी मलिक के सलाहकार के विजय से जब राज्य की सुरक्षा स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जरूरतों के आधार पर सुरक्षा स्थिति का जायजा किया गया है और स्थितियों के अनुसार योजना बनाई जाएगी। 

शहरी स्थानीय इकाई का चुनाव अक्तूबर के पहले सप्ताह में आयोजित होने हैं जबकि पंचायत चुनाव नवंबर-दिसंबर में आयोजित किए जाएंगे। कुछ दिन पहले नेशनल कान्फ्रेंस ने भी इन चुनावों के बहिष्कार की घोषणा की थी। पार्टी का कहना था कि जब तक केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन अनुच्छेद 35-ए पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करती है तब तक वह इस चुनाव का बहिष्कार करेगी। यह अनुच्छेद राज्य के लोगों को विशेष अधिकार देता है और राज्य के बाहर के लोगों को यहां अचल संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध लगाता है। 

उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 35 ए को चुनौती देते हुए डाली गई याचिकाओं की सुनवाई को 31 अगस्त को स्थगित कर दिया था क्योंकि केंद्र सरकार ने अदालत से अपील की थी कि इस मामले की सुनवाई राज्य में पंचायत चुनाव आयोजित होने के बाद की जाए। 

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मौजूदा हालात में किसी तरह के चुनाव का आयोजन करने से पूरी चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को गंभीर नुकसान पहुंचेगा। मुफ्ती जब सत्ता में थी तो वह जल्द से जल्द चुनाव करना चाहती थीं। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ' स्थानीय निकाय चुनाव पर पीडीपी चर्चा कर रही थी। मौजूदा स्थिति बेहद ही नाजुक और संवेदनशील है। दुर्भाग्यवश, अनुच्छेद 35 ए की वजह से स्थिति और भी विकृत हो गई। इसिलए, हमने इस मुद्दे पर आज एक बैठक में प्रस्ताव पारित किया।' 

मुफ्ती ने प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा, ' पार्टी ने महसूस किया है कि राज्य सरकार की विशेष स्थिति इसके लोगों और समाज के लिए जीने-मरने का प्रश्न है और लोकतांत्रिक प्रणाली इसका अवलंब है। ऐसा महसूस किया गया कि डर के इस मौजूदा माहौल में किसी तरह के चुनाव को लोगों पर थोपना संस्थाओं की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करेगा। इससे संस्थाओं के उद्देश्य को धक्का पहुंचेगा।' 

इस साल जून के महीने में भाजपा द्वारा अपना समर्थन हटाने के बाद महबूबा मुफ्ती को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने सरकार से चुनाव कराने के फैसले की समीक्षा करने को कहा है। ताकि राज्य को यह आश्वासन मिल सके कि संविधान के द्वारा भारत के विशेष हिस्से के तौर पर उन्हें जो संवैधानिक गारंटी प्रदान की गई है, उसे समाप्त नहीं किया जा सकता है। मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा, ' इसलिए, सर्वसम्मति से पार्टी ने यह फैसला किया है कि वह मौजूदा समय में चुनाव से दूर रहेगी।' 

नेशनल कान्फ्रेंस ने पांच सितंबर को घोषणा की थी कि जब तक भारत सरकार और राज्य सरकार अनुच्छेद 35 ए पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करेगी और इसे बचाने के लिए अदालत में तथा अदालत के बाहर प्रभावी कदम नहीं उठाती, तब तक वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी। 

वहीं भाजपा ने सोमवार को कहा कि पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव का विरोध करने वाली पार्टियां ‘जनता विरोधी’ और ‘विकास विरोधी’ है। भाजपा की प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री प्रिया सेठी ने पीडीपी द्वारा इन चुनावों के बहिष्कार की घोषणा के बाद यह बयान जारी किया है। 

बयान में कहा गया है, ' अगर जल्द से जल्द इन चुनावों का आयोजन नहीं होता है तो राज्यों को करोड़ो रुपये के अनुदान का घाटा होगा। एनसी और पीडीपी अपनी चुनावी जमीन खिसकने के डर से इन चुनावों के आयोजन का विरोध कर रही है। भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है और जो भी पार्टी चुनाव का विरोध कर रही है ‍वह ‘जनता विरोधी’ है। 

Web Title: PDP will boycott Jammu Kashmir Panchayat Elections, Administration says will conduct on schedule

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